शिमला।। एक तो हिमाचल प्रदेश पहले से ही 45000 करोड़ के कर्ज में है और ऊपर से फिजूलखर्ची पर लगाम लगती नजर नहीं आ रही। नई सरकार भले ही दावा कर रही है कि वह फालतू चीजों पर पैसे खर्च नहीं करेगी, मगर अब जो खबरें आ रही हैं वे हैरान करती हैं। मंत्री ही नहीं, मुख्यमंत्री के ओएसडी तक नई गाड़ियां मांग रहे हैं। उनका कहना है कि कोरोला में झटके लगते हैं, इसलिए इनोवा दी जाए।
एक मंत्री, चार ओएसडी और सीएम ऑफिस में बड़े पद पर नियुकित एक शख्स ने इस तरह की मांग की है। खबर है कि सचिवालय का जीएडी अब इन मांगों को पूरा करने में जुट गया है। बता दें कि नई सरकार के कई मंत्री पहले ही पसंदीदा बंगला लेने के लिए रस्साकशी कर रहे हैं। सचिवालय में कमरों को लेकर होड़ में मंत्री पहले ही फजीहत करवा चुके हैं।
सचिवालय का जीएडी अब अधिकारियों को दी गई इनोवा वापस लेने की तैयारी में है। अमर उजाला की खबर है कि ऐसा सीएम की टीम की मांग पूरा करने के लिए किया जा रहा है। वहीं अगर नई गाड़ियां खरीदनी पड़ी तो खर्च एक से डेढ़ करोड़ तक जा सकता है।
मगर आराम चाहने वाले इन लोगों से सवाल किया जाना चाहिए कि आप जनता के टैक्स से सैलरी पाएंगे और आपको नियुक्त ही इसलिए किया गया है ताकि जनता की भलाई के लिए सरकार और मुख्यमंत्री की मदद कर सकें। फिर आपकी प्राथमिकता उपलब्ध संसाधनों का सदुपयोग करके सेवा की होनी चाहिए या ऐशो आराम की? झटके लगते हैं तो सड़कें सुधारिए। बेहतर होगा कि आपसे कोरोला भी ले ली जाए और पब्लिक ट्रांसपोर्ट इस्तेमाल करने को कहा जाए या अपने वाहन इस्तेमाल करने को कहा जाए। प्रदेश में लाखों सरकारी कर्मचारी ऐसा ही करते हैं। आप तो फिर भी राजनीतिक नियुक्तियों पर हैं।