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पुलिस की लापरवाही से दागदार हुआ पवित्र रिश्ता: हाई कोर्ट

शिमला।। अपनी 2 साल की बच्ची के रेप के आरोप में जेल में बंद चंबा के एक शख्स को हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने निर्दोष बताते हुए रिहा करने के आदेश दिए हैं। इससे पहले निचली अदालत ने आरोपी को दोषी मानते हुए 10 साल के कारावास की सजा सुनाई थी। मगर हाई कोर्ट ने पाया कि न सिर्फ पुलिस ने बल्कि ट्रायल कोर्ट ने भी मामले में तथ्यों को नहीं परखा। हाई कोर्ट ने कहा कि इस लापरवाही की वजह से निर्दोष पिता के पवित्र रिश्ते पर सवाल खड़ा हो गया। (कवर इमेज प्रतीकात्मक है)

 

हाई कोर्ट ने पाया कि इस मामले में शिकायत करने वाली बच्ची की मां ने अपने पति को झूठे केस में फंसा दिया और पुलिस ने भी उसका साथ दिया तथा बारीकियों की जांच करने की जहमत नहीं उठाई। कोर्ट ने कहा कि पुलिस ने यह नहीं देखा कि शिकायतकर्ता अपने पति से अलग क्यों रह रही थी और उसने अपने पति के परिजनों पर भी यौन शोषण की झूठी शिकायतें करवाई थीं। हाई कोर्ट ने कहा कि ऐसे मामलों मे पुलिस, अभियोजन पक्ष और जज को कानून के सिद्धांतों का पालन करेंगे, ऐसी उम्मीद की जाती है।

अदालत ने पिता को रिहा करने के आदेश दिए हैं। (तस्वीर प्रतीकात्मक है)

पुलिस पर सवाल उठाते हुए कोर्ट ने कहा कि जांच अधिकारी ने केवल शिकायतकर्ता की बातों पर विश्वास किया और निचली अदालत ने भी महत्वपूर्ण सवालों की अनदेखी करके ऐसे मामले में बेकसूर को सजा सुना दी, जिसमें कोई सबूत ही नहीं थे।

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