शिमला।। पूर्व परिवहन मंत्री जीएस बाली ने कहा है कि निजी बसों को नियमों को ताक पर रखकर रूट दिए जा रहे हैं, जिससे एचआरटीसी को घाटा हुआ है। फेसबुक पर डाली पोस्ट के जरिए उन्होंने यह भी कहा है कि बार-बार एक ही परिवार या फर्म को रूट परमिट जारी करने के बजाय नीलामी करवाई जानी चाहिए, ताकि बेरोज़गारों को भी मौका मिल सके।
पूर्व परिवहन मंत्री ने आरोप लगाया है कि कुछ निजी बस ऑपरेटरों को लाभ पहुंचाने के लिए नियमों को ताक पर रख दिया गया है और मौजूदा परिवहन मंत्री सिर्फ बयान दे रहे हैं कि कार्रवाई की जाएगी। बाली ने अपने पेज पर लिखा है, “मीडिया से ऐसी भी जानकारी मिली है कि कुछ निजी बसों को ऐसे परमिट दिए गए हैं, जहां उन्हें लाभ हो रहा है और एचआरटीसी को घाटा। ये रूट उन्हें पॉलिसी के खिलाफ जाकर दिए गए हैं। अगर ऐसा है तो इसमें कहीं न कहीं प्रशासनिक स्तर पर घालमेल की बू आ रही है।”
यही नहीं, उन्होंने मौजूदा परिवहन मंत्री पर कुछ न करने का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से ठोस कदम उठाने की मांग की है। वह लिखते हैं, “परिवहन मंत्री बार-बार कह रहे हैं कि कोई भी गलत काम नहीं होने दिया जाएगा और कार्रवाई होगी। इससे पहले कि देर हो जाए, प्रदेश के मुख्यमंत्री को इसका संज्ञान लेकर कदम उठाने चाहिए। मुख्यमंत्री की मंशा पर कोई संदेह नहीं है, मगर सिस्टम खराब होता है तो यह किसी भी सूरत में प्रदेश के लिए ठीक नहीं है। नुकसान प्रदेश का ही होगा।”
बाली ने निजी बस परमिट नए लोगों को दिए जाने की वकालत भी की है। उन्होंने लिखा है, “निजी बसों के परमिट बार-बार कुछ ही परिवारों को दिए जाते हैं। जैसे डीज़ल के वाहनों को चलाने की एक सीमा होती है, उसके खत्म होने के बाद रूट परमिट रद्द करके नए सिरे से नीलामी होनी चाहिए, ताकि बेरोज़गारों को भी अवसर मिल सकें और सरकार को राजस्व भी मिले। बार-बार एक ही परिवार या एक ही फर्म को परमिट क्यों दिए जाते रहें?”
बाली ने यह भी लिखा है कि खुद वह इस दिशा में काम नहीं कर पाए मगर मौजूदा सरकार को ऑक्शन की व्यवस्था करके बेरोज़गारों को मौका देना चाहिए और अपने राजस्व के मौके भी बढ़ाने चाहिए। उन्होंने लिखा है कि अगर सरकार प्रदेश के हितों से खिलवाड़ करने वाले काम जारी रखती है तो वह ‘दो-दो हाथ करने से भी पीछे नहीं हटेंगे।’