एमबीएम न्यूज नेटवर्क, मंडी।। संधोल के गांव कनूही की लगभग 95 वर्षीय कला देवी इन दिनों रोटी -रोटी के लिए दर दर भटक रही है, उसे लोगों से मांग कर खाना खाना पड़ रहा है, मगर न तो उसके परिवारजन और न ही सरकार या प्रशासन उसकी सुध ले रहा है।
कला देवी जीवन के अंतिम पड़ाव पर जो दुख सहन कर रही है व अपनों व अपनी सरकार प्रशासन की उपेक्षा की शिकार है वह वर्तमान व्यवस्था पर करारा तमाचा भी है।
स्थानीय लोगों ने बताया कि गांव कनूही की कला देवी जिसके पति 1976 में मर गए थे की दो बेटियां हैं जो दोनों ही विधवा हो चुकी हैं, उसके दो बेटे हैं। इनमें से एक विद्युत कर्मचारी था जो 1999 में स्वर्ग सिधार गया था। दूसरा बेटा भी विद्युत विभाग में चपरासी के पद पर कार्यरत है। उसे न तो विधवा बहू फूला देवी और न बेटे व उसके परिवार की ओर से ही कोई खर्चा दिया जा रहा है।
दुखी मन से कला देवी रोते हुए बताती है कि उसे रोटी के लिए दर – दर भटकना पड़ रहा है। उसे कहीं से भी कोई इमदाद नहीं मिल रही है।
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कला देवी ने सरकार और प्रशासन आग्रह किया है कि उसकी रोजी रोटी का प्रबंध किया जाए, ताकि जो भी जीवन उसका बचा है वह उसे ठीक से जी सके। उसने यह भी गुहार प्रशासन से लगाई है कि उसके बेटों के परिवार से उसका खर्चा दिलाया जाए।
(यह एमबीएम न्यूज नेटवर्क की खबर है और सिंडिकेशन के तहत प्रकाशित की गई है)