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क्या अब बाहरी लोग भी हिमाचल आकर कर रहे हैं क्राइम?

शिमला।। क्या हिमाचल प्रदेश अपराधियों के लिए सुरक्षित ठिकाना बन गया है? क्या अपराधियों के मन में जरा भी डर नहीं रहा कि वे पकड़े जा सकते हैं? इस तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं एक के बाद एक सामने आ रहे अजीब मामलों पर। 24 जुलाई को शिमला के तारादेवी में एक गर्भवती महिला बेसुध मिली थी। उसने मंगलवार सुबह आईजीएमसी में दम तोड़ दिया है। पुलिस को अब तक पता नहीं चल पाया है कि यह महिला कौन थी, कहां की थी और इसकी यह हालत किसने की। यह मामला आपराधिक इसलिए भी है क्योंकि खबरों के मुताबिक इस महिला को बुरी तरह से पीटने के बाद यहां फेंका गया था(स्रोत)।

बताया जा रहा है कि 24 जुलाई को दो स्थानीय युवकों ने सबसे पहले इसे यहां देखा था। इसके बाद उन्होंने पंचायत के प्रधान को खबर दी। पुलिस मौके पर पहुंची और महिला को अस्पताल ले आई है। इस महिला के शरीर पर चोटें भी थीं। जांच में पता चला कि महिला चार महीने की गर्भवती है। इसके बाद इसे वेंटिलेटर पर रखा गया था। पुलिस ने महिला की पहचान के लिए कई थानों से बात की मगर उसका पता नहीं चल पाया।

महिला को होश नहीं आया और उसने मंगलवार सुबह दम तोड़ दिया। अब इसकी पहचान पुलिस के लिए बड़ा सवाल बनकर रह गई है। पुलिस का कहना है कि यह महिला किसी अन्य राज्य की रहने वाली लगती है। जांच में ह पता चला है कि पीटने के बाद इसे जंगल में फेंका गया था। हो सकता है कि मरा हुआ समझकर हमलावर चले गए मगर इसकी सांसें चल रही थीं। एक हफ्ते बाद आखिरकार इसने दम तोड़ दिया है।

क्या कांगड़ा में कोई फेंक गया था दो शव?
तो क्या बाहरी राज्यों के अपराधी इतने बेखौफ हो चुके हैं वे हिमाचल में आकर अपराध करने लगे हैं? कहीं ऐसा तो नहीं कि कई मामलों में हिमाचल पुलिस की नाकामी से उत्साहित होकर अपराधी अब हिमाचल को सुरक्षित समझने लगे हों? क्योंकि इसी तरह का एक मामला कांगड़ा जिले में भी सामने आया है।

पिछले हफ्ते कांगड़ा के डमटाल-इंदौरा एनएच के पास करीब 8 दिनों से पड़ी 2 लाशों के मिलने से हड़कंप मचा था। पुलिस का कहना था कि 2 अज्ञात व्यक्तियों के शवों में कीड़े पड़ चुके थे। मृतकों की उम्र 35 साल के करीब बताई जा रही थी। पंजाब केसरी अखबार के मुताहिक थाना प्रभारी का उस वक्त कहना था कि शवों को बाहर से लाकर फेंका गया है (स्रोत)। वहीं दैनिक जागरण अखबार के मुताबिक डीएसपी नूरपुर ने बताया था कि प्राथमिक दृष्टि में लगता है कि शवों को यहां पड़े करीब-करीब तीन चार दिन हो गए है। उनके बैग से चिट्टा मिला हैं, जिससे लगता है ओवरडोज के कारण मौत हुई हैं(स्रोत)।

जाहिर है, हिमाचल प्रदेश में अपराध धीरे-धीरे बढ़ते जा रहे हैं। अक्सर यह देखा जाता है कि देश की पुलिस मामलों को जैसे-तैसे निपटाकर अपना काम पूरा करने में लगी रहती है। इससे असल अपराधी अगर बचे रहेंगे तो उनका हौसला बढ़ेगा ही। इसी तरह के हालात धीरे-धीरे विकराल रूप धारण कर लेते हैं। हिमाचल प्रदेश को भी अन्य राज्यों की तरह क्राइम की गिरफ्त में आने में देर नहीं लगेगी। इसलिए हिमाचल प्रदेश पुलिस के अधिकारियों के कंधों पर बड़ी जिम्मेदारी है।

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