Site icon In Himachal | इन हिमाचल

CBI जांच के आदेश और सूरज की हत्या में लिंक ढूंढ रही है सीबीआई?

शिमला।। कोटखाई रेप ऐंड मर्डर केस में पहले मुख्यमंत्री सीबीआई जांच से इनकार कर रहे थे। मगर 14 जुलाई को उन्होंने ऐलान किया कि जांच सीबीआई से होगी। फिर उन्होंने इसके लिए केंद्र को खत लिखा। 18 जुलाई को उन्होंने कोर्ट जाकर सीबीआई को जांच के आदेश देने की मांग की। इसके ठीक एक दिन बाद केस के सिलसिले में जेल में बंद नेपाली मूल के आरोपी सूरज की संदिग्ध हालात में मौत हो गई।

 

पुलिस का कहना था कि एक अन्य आरोपी राजू ने गुस्से में सूरज को पीट-पीटकर मार डाला। मगर अब सीबीआई को शक है कि इसमें पुलिसवाले शामिल हैं और उसने एसआईटी के अधिकारियों को गिरफ्तार भी किया है। कोर्ट ने दूसरी बार इन अधिकारियों और कर्मचारियों को रिमांड पर भेजा है। ऐसे में पुलिस यह पता लगाना चाह रही है कि जब सीबीआई जांच का ऐलान हो चुका था, पुलिस पहले ही केस को सुलझाने का दावा कर चुकी थी। फिर वह क्यों पीट रही थी सूरज को? उससे कुछ उगलवाना चाह रही थी या उसका धमकाना चाह रही थी कि जब सीबीआई जांच हो, तब वह कोई ऐसा राज न उगल दे जिससे पुलिस के दावों की पोल खुल जाए?

मृतक आरोपी सूरज की पत्नी ममता। Image: Indian Express

जब पुलिस के दावे के मुताबिक सभी आरोपी गुनाह कबूल रहे थे, तो सूरज से पूछताछ क्यों की जा रही थी? हिंदी अखबार अमर उजाला ने ऐसे ही प्रश्न उठाए हैं और कहा है कि सीबीआई जांच को लेकर सरकार के गंभीर रुख को देखकर पुलिस को जांच बंद कर देनी चाहिए थी और अमूमन ऐसा ही किया जाता है ताकि पुलिस पर सबूतों से छेड़छाड़ का आरोप न लगे। मगर शिमला केस में ऐसा नहीं हुआ। संतरी के बयान से पुलिस के दावों की पोल खुल चुकी है मगर अधिकारी अपने पुराने बयान पर ही अड़े हैं। इसीलिए सीबीआई को दोबारा उनका रिमांड मांगना पड़ा।

Exit mobile version