हमीरपुर।। भोटा के जंगलों में बाबा बालकनाथ का एक मंदिर है। माना जाता है कि कुछ समय तक बाबा बालकनाथ ने यहां रुककर ध्यान लगाया था। मगर इस मंदिर में जो खास बात यह है कि यहां पर एक बैनर लगाया गया है। इसमें लिखा गया है- ‘मंदिर में महिलाओं से निवेदन है कि बाबा जी की गुफा से दूरी बनाए रखें। इसमें ही आपकी और हमारी भलाई है।’
इसके अलावा इस बैनर में आगे लिखा गया है- प्राचीन परंपरा ही हमारा धर्म है, इस परंपरा को बनाए रखें। यह मंदिर झंडे का रिढ़ा में है और हाल ही में इसका जीर्णोद्धार हुआ है। (Image: Ankush Rajput)
गुफा में प्रवेश पर रोक क्यों?
पिछली दिनों पूरे देश में इस बात को लेकर बहस छिड़ी थी कि जिन मंदिरों में महिलाओं का प्रवेश वर्जित बताया जाता है, उनमें महिलाओं को जाकर पूजा करने का अधिकार होना चाहिए या नहीं। उस समय हिमाचल प्रदेश के बाबा बालकनाथ के दियोटसिद्ध स्थित मंदिर को लेकर भी चर्चा छिड़ी थी।
दरअसल यहां मंदिर में तो सभी प्रवेश कर सकते हैं मगर बाबा की गुफा के सामने एक खास चबूतरा सा बनाया गया है जिसपर चढ़कर बाबा की गुफा के लेवल पर पहुंचकर सामने से दर्शऩ किए जा सकते हैं। यह व्यवस्था महिलाओं के लिए की गई है जबकि पुरुष सीधे गुफा तक जा सकते हैं।
आधिकारिक रूप से रोक नहीं
उस समय जब सोशल मीडिया में सवाल उठे तो स्पष्ट किया गया था कि मंदिर में गुफा तक जाने पर किसी भी तरह की आधिकारिक रोक नहीं है, बस परंपराओं का सम्मान करते हुए महिलाएं स्वयं वहां नहीं जाती हैं। हालांकि बाद में एक महिला लेक्चरर अपने बच्चों के साथ गुफा तक जाकर दर्शन करके आई थीं और यह खबर पूरे मीडिया में सुर्खियां भी बनी थी।
महिलाओं के गुफा पास न जाने की वजह
इस तरह की परंपरा बाबा के दियोटसिद्ध वाले मंदिर की गुफा को लेकर ही है, अन्य सभी मंदिरों में इस तरह की रोक नहीं है। वैसे भी हिमाचल प्रदेश में हर आंगन में बाबा की स्थापना की जाती है और हर शुभ कार्य में उनका पूजन होता है और महिलाएं भी पूजा करती हैं।
दियोटसिद्ध मंदिर में ऐसी व्यवस्था का कारण यह बताया जाता है कि बाबा ब्रह्मचारी थे और उनके रहते महिलाओं का गुफा तक आना निषिद्ध था। ऐसे में उनके अंतर्ध्यान होने के बाद भी इस परंपरा का निर्वहन किया जाता रहा है। अन्य मंदिरों पर यह नियम लागू नहीं होता।