16 अप्रैल को ऊना के दो किसानों की प्राइवेट प्रॉपर्टी हो जाएगी जनशताब्दी एक्सप्रेस !
चौंकिए मत यह ऐतिहासिक फैलसा दिया है जिला ऊना के जस्टिस मुकेश बंसल की अदालत ने। जमीन अधिगृहण के का मुआवजा देने में आनाकानी करने पर अदालत ने आदेश दिए हैं की 16 अप्रैल तक मुआवजे की रकम जमा करवाई जाए या गारंटी के लिए रेलवे की संपत्ति ऊना डेल्ही जनशताब्दी को मुआवजे के रूप में अटैच किया जाए। इस मामले रेलवे की कोई अपील दलील नहीं सुनी जाएगी। रेलवे अब मुआवजे की गारंटी रकम 35 लाख रुपये। अदालत में जमा नहीं करवाता है तो ब अदालत के कर्मचारियों को 16 अप्रैल तक किसी भी हालत में ऊना डेल्ही जनशताब्दी को अटैच करने के आदेशों पर तालीम करनी ही होगी।
गौरतलब है जिला मुख्यालय के साथ लगते दिलवा गावं के दो किसानों की की भूमि वर्ष 1998 में रेलवे ने अधिकृत की और उन्हें मुआवजा नहीं दिया गया। किसानों ने अदालत में याचिका दायर की वर्ष 2011 में अदालत ने फैसला सुनाया की रेलवे जल्द से जल्द किसानों को उचित मुआवजा दे। रेलवे ने इस केस में हाई कोर्ट का रुख किया हाई कोर्ट ने इस मामले में 6 महीने का स्टे लगा दिया और रेलवे को कहा की इस अवधि के दौरान मुआवजा अदालत में जमा करे अन्यथा स्टे वैलिड नहीं रहेगा। रेलवे ने इस पर कोई कदम नहीं उठाया न ही अदालत के सामने कोई ठोस वजह बता पाया। इस मामले में अब हाई कोर्ट में भी पुनर्विचार याचिका दायर नहीं हो सकती।