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सतधार कहलूर: हिमाचल की इस रियासत में थे सबसे ज्यादा किले

आशीष नड्डा।। सतधार कहलूर वर्तमान बिलासपुर का पुराना नाम सतधार शब्द निकल कर आया था केहलूर रियासत में पड़ने वाली सात धारों यानी पहाड़ियों के नाम से। टियुन , सीयून , कोट -धार , नैना देवी, बहादुरपुर धार, छिन्जयार और बंदला धार इस रियासत की धारें (पहाड़ियां) थी जो अब भी इसी जिले में हैं। प्रदेश में सबसे ज्यादा किलों वाली रियासत केहलूर ही थी। मुख्या मुख्य तौर पर लगभग हर धार यानी पहाड़ी पर केहलूर रियासत में किले थे। हर किला अलग अलग समय पर बनाया गया और निर्माण की अलग दिलचस्प कहानी है।

कोटकहलूर किला
राजा वीर चन्द चंदेल ने सतलुज घाटी में आकर सन् 697ई. में नए राज्य की स्थापना की। कहलू-गुज्जर नामक जनश्रुतियों के अनुसार राजा वीरचंद ने सन् 697-730 ई. में माता नयनादेवी का मंदिर व कोट कहलूर के किले का निर्माण करवाया। कोट कहलूर किले में अब एक पुलिस थाना है।

तियून किला
इसका निर्माण कहलूर रियासत के 11वें राजा काहन चंद ने सन् 1085 ई. में किया। इस किले के नाम से ही पहाड़ी तियून धार के नाम से प्रसिद्ध हुई।

सरयून किला
कहलूर रियासत के 16वें राजा पृथ्वी चंद ने सन् 1162-1197 ई० में मोहम्मद गौरी के आक्रामण की आंशका के डर से इस किले को बनाया था। टियुन सरयून किले एक दूसरे के आमने सामने हैं और इनकी तलहटी में सीरखड्ड से लेकर शुक्र खड्ड के बीच का उपजेउ डेल्टा है।

झजयार किला
यह किला बरठीं से छह किलोमीटर की दूरी पर झजयार धार की चोटी पर बना है। राजा महाचंद के शासन काल में कांगड़ा के महाराजा संसार चन्द कटोच ने केहलूर रियासत के सतलुज के उतरी इलाके घुमारवीं तहसील को जीत लिया। अपनी जीत के प्रतीक के रूप में संसार चन्द कटोच ने इसका निर्माण करवाया था।

बहादुरपुर किला
यह किला बिलासपुर का ताजमहल की तरह है राजा विक्रम चंद ने सन् 1555-1593 ई. ने अपनी बाघल ( अर्की) वाली रानी को प्रसन्न करने के लिए बहादुरपुर किले का निर्माण करवाया। यह किला शिमला बिलासपुर हाईवे पर नम्होल से 10 किलोमीटर ऊपर चीड़ देवदार के जंगलों में स्थित है यह बिलासपुर का सबसे ऊंचा और ठंडा स्थान है . राजा गर्मियां इसी किले में गुजारते थे। वर्ष 1922 में मोहना को फांसी का आदेश इसी किले से दिया गया था।

बस्सेह का किला
यह घुमारवीं के बस्सेह क्षेत्र में स्थित है। इसका निर्माण राजा रत्न चंद ने करवाया था। समय की थपेड़े खाता यह किला अब टूट कर क्षतिग्रस्त हो चुका है।

कोट ऑफ आर्म्स, कहलूर

बच्छरेटू किला
यह कोटधार में है। इसका निर्माण कहलूर के 23वें राजा रत्नचंद ने वर्ष 1355-1406 ई. में करवाया था। किले में 15 विभिन्न आकर कमरे हैं। इसके अंदर तालाब व एक देवी मंदिर के साथ एक पीपल का वृक्ष भी है।

फतेहपुर किला
यह किला फतेहपुर की चोटी पर बना है। यह किला इस दिशा की ओर से संभावित आक्रामणों को रोकने के लिए बनाया गया था। किले की दिवारों में गोलियों के निशान हैं। प्राकृतिक आपदा के समय लोग यहां शरण लेते थे।

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(लेखक मूल रूप से ज़िला बिलासपुर के रहने वाले हैं और IIT दिल्ली में रिन्यूएबल एनर्जी, पॉलिसी ऐंड प्लैनिंग में रिसर्च कर रहे हैं। लेखक प्रदेश के मुद्दों पर लिखते रहते हैं। उनसे aashishnadda@gmail.com पर संपर्क किया जा सकता है)

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