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बीजेपी-यूथ कांग्रेस कार्यकर्ता भिड़े, 12 से ज्यादा जख्मी

शिमला।।

हिमाचल प्रदेश में गुरुवार को वह हुआ, जो आज तक नहीं हुआ था। शिमला में बीजेपी के कार्यालय पर प्रदर्शन करने आए यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ताओं औऱ बीजेपी कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हो गई, जिसमें 12 से ज्यादा लोग घायल हो गए। इनमें से 4 की हालत गंभीर बताई जा रही है।

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चक्कर में बीजेपी कार्यालय दीप कमल पर मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के बेटे और यूथ कांग्रेस के स्टेट प्रेजिडेंट विक्रमादित्य सिंह के नेतृत्व में करीब 250 लोगों की टोली आ पहुंची। ये लोग केंद्र द्वारा हाल ही में लाए गए भूमि अधिग्रहण अध्यादेश का विरोध करते हुए नारेबाजी कर रहे थे।

बीजेपी नेताओं का आरोप है कि यूथ कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने उनके ऑफिस पर हमला किया। कहा जा रहा है कि नारेबाजी करने आए लोगों ने पथराव किया, जिससे एक दर्जन लोग घायल हो गए।  दूसरी तरफ यूथ कांग्रेस का कहना है कि वे शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे लेकिन बीजेपी कार्यकर्ताओं ने उनके ऊपर हमला कर दिया।

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दोनों पक्षों ने एक-दूसरे के खिलाफ क्रॉस एफआईआर करवाई है। शिमला के एशपी डी.डब्ल्यू. नेगी ने कहा कि बालूगंज थाने में एफआईर दर्ज की गई है। उन्होंने कहा कि मामले की जांच की जा रही है और अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है।

बीजेपी प्रवक्ता गणेश दत्त ने यूथ कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर हमले का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि चार को गंभीर चोटें आने की वजह से आईजीएमसी ले जाना पड़ा। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब किसी ने विरोधी पार्टी के ऑफिस पर हमला किया है। उन्होंने यूथ कांग्रेस पर गलत परंपरा सेट करने का आरोप लगाया।

इस बीच विक्रमादित्य सिंह ने कहा है कि वे तो सिर्फ प्रदर्शन करने गए थे, लेकिन बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पथराव शुरू कर दिया। उन्होंने बताया कि कांग्रेस के कई कार्यकर्ता घायल हुए हैं। विक्रमादित्य ने कहा कि हिंसा से वह डरने वाले नहीं हैं और आगे भी जनता के हितों के लिए लड़ते रहेंगे।

इस घटना की तमाम बड़े बीजेपी नेताओं ने आलोचना की है। प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांगड़ा से सांसद शांता कुमार ने कहा है कि यह घटना निंदनीय है। उन्होंने कहा कि राजनीति विरोध अपनी जगह है लेकिन हिंसा का कोई स्थान नहीं होना चाहिए।


हिमाचल लोकहित पार्टी ने भी कांग्रेस की आलोचना की है। पार्टी की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि यह शर्मनाक घटना है और इस तरह की हिंसा में शामिल रहे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।

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