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Thursday, April 25, 2024

कौन थी वह बड़ी-बड़ी आंखों वाली बला की खूबसूरत लड़की?

पिछले दिनों हमने आपको टीवी पत्रकार पंकज भार्गव की आपबीती बताई थी, जिसमें उन्हें 'बेलीराम नाम के शख्स का भूत' मिला था। उन्होंने आईबीएन 7 में रहते हुए आईबीएन खबर वेबसाइट पर एक और...

महिला की तरह दिख रही रोशनी जो आसमान में गायब हो गई: Horror Encounter

हॉरर एनकाउंटर सीजन 6 की पहली कहानी। ये कहानी हमें पूर्ण चंद जी ने भेजी है। उनका दावा है कि यह उनका निजी अनुभव है। उनकी गुजारिश पर हम उनका नाम नहीं बदल रहे, मगर...

टेंट के बाहर कोई महिला रोने लगी और अंदर मेरी गर्लफ्रेंड

DISCLAIMER: हम न तो भूत-प्रेत पर यकीन रखते हैं न जादू-टोने पर। ‘इन हिमाचल’ का मकसद अंधविश्वास को बढ़ावा देना नहीं है। हम लोगों की आपबीती को प्रकाशित कर रहे हैं, ताकि अन्य लोग...

24 फरवरी से शुरू हो रहा है Horror Encounter Season 2

सभी पाठकों को नमस्कार। हमें खुशी है कि पिछले साल शुरू की गई भुतहा कहानियों और आपबीती घटनाओं की सीरीज 'हॉरर एनकाउंटर' आपको पसंद आई। इस सीरीज में हमने पाठकों द्वारा भेजी गई कहानियों को...

धर्मशाला के खनियारा की भूत शिला वाले भूत का डर

प्रस्तावना: इन हिमाचल की बेहद लोकप्रिय 'हॉरर एनकाउंटर' सीरीज़ के चौथे सीज़न की ये तीसरी कहानी है। इन कहानियों को छापने का मकसद यह दावा करना नहीं है कि भूत-प्रेत वाकई होते हैं। हम अंधविश्वास फैलाने...

जब कमरे में अजीब साया बनकर आ खड़ा हुआ उस काली चट्टान का डर

प्रस्तावना: हिमाचल प्रदेश के गाँव-कस्बों में पहले संयुक्त परिवार जब फ़ुरसत के समय बैठा करते थे, तब खूब किस्से-कहानियां सुनाते थे। इन क़िस्सों के बीच भूत-प्रेत की कहानियाँ भी होती थीं जिन्हें कुछ लोग...

हॉरर एनकाउंटर सीजन 6: शुरू होने जा रहा है डर और रोमांच का नया...

हिमाचल प्रदेश में सर्दियों के मौसम ने दस्तक दे दी है। आज ही कई क्षेत्रों में हिमपात हुआ है। सर्दियों का मौसम परेशानियां तो लाता है, कुछ मस्ती और आनंद का माहौल भी साथ...

घूँघट में रहने वाली रहस्यमय बुढ़िया ने क्यों भिजवाई थी जली हुई घघरी?

प्रस्तावना: हिमाचल प्रदेश के गाँव-कस्बों में पहले संयुक्त परिवार जब फ़ुरसत के समय बैठा करते थे, तब खूब किस्से-कहानियां सुनाते थे। इन क़िस्सों के बीच भूत-प्रेत की कहानियाँ भी होती थीं जिन्हें कुछ लोग...

हॉरर एनकाउंटर: मम्मी-पापा को बोलना बेलीराम मिला था…

गांव को आखिरी बस शाम को करीब साढ़े 6 बजे जाती थी। घर तक का सफर करीब डेढ़ घंटे का था। दिसंबर का महीना, सर्दी की शाम, पहाड़ों में अंधेरा 5 बजे ही हो जाता...