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संसद सत्र में कांग्रेस के लिए वीरभद्र सिंह बन रहे किरकिरी : काँगड़ा से बाली के नाम पर चर्चा !

संसद सत्र में कांग्रेस  के लिए वीरभद्र सिंह बन रहे किरकिरी : काँगड़ा से  बाली के नाम पर चर्चा !
इन हिमाचल डेस्क
हिमाचल की राजनीति में आने वाले समय में भूचाल के संकेत मिल रहे है , सी बी आई एवं ई डी की वीरभद्र मामले में सक्रियता से कांग्रेस आलाकमान भी खासा चिंतित है।  लोकसभा सत्र में जहाँ कांग्रेस व्यामप और वशुंधरा के मामले में संसद में भाजपा को घेरने की रणनीति बना रही थी , वहीँ हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह का मनी लांड्रिंग का मामला पार्टी के गले की फाँस बन गया है।
गौरतलब है  इस मामले में सलमान खुशीर्द , कपिल सिब्बल और पी चिदंबरम जैसे बड़े अधिवक्ता भी सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं ले पाये थे।  कांग्रेस की साड़ी रणनीति इस कारन फेल हो गयी है।  सूत्रों की माने तो सिब्बल को बुलाकर कांग्रेस आलाकमान ने मामले को जाना है।  मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह लगातार धूमल परिवार और  वित्त मंत्री अरुण जेटली को साजिशकर्ता बता रहे हैं।
किसी कार्यकर्म में एक साथ वीरभद्र सिंह एवं जी एस बाली
खबर मिली है प्रदेश के अंदर से भी कांग्रेस में अब लोग खुल कर वीरभद्र के सामने आने लगे हैं।  परिवहन मंत्री जी एस बाली इस पुरे मोर्चे का नेर्तित्व कर रहे हैं।  कहा जा रहा है की 18 विधायक इस समय वीरभद्र विरोधी गुट के साथ है और आलाकमान से आर पार चर्चा के लिए तैयार हैं।  सी पी एस  राजेश धर्माणी , गगरेट से कालिया पूर्व मंत्री आशा कुमार , विप्लव ठाकुर कॉल सिंह इन सब ने अब मोर्चा खोलने का मन बना लिया है।  नौजवान विधायक जिनमे सी पी एस रोहित ठाकुर भी शामिल हैं खुल कर अपनी नाराजगी व्यक्त कर चुके है
विपक्ष से भी अब धूमल परिवार से बाहर वीरभद्र सिंह पर हमले शुरू हो गए हैं।  इ डी के छापों के बाद आज केंद्रीय मंत्री जे पी नड्डा ने भी वीरभद्र सिंह का कड़े शब्दों में इस्तीफा मांग लिया है।  अब तक चुप रहे नड्डा के इन तेवरों से कयास लगने लगे हैं की , आखिर कहीं वीरभद्र के खिलाफ सी बी आई कुछ कड़ा एक्शन लेने वाली तो नहीं है।
प्रदेश की राजनीति से अगर वीरभद्र को रुखसत होना पड़ता है तो कौन उनकी जगह लेगा इस पर भी चर्चा शुरू हो गयी है।  सी डी प्रकरण के बाद पार्टी आलाकमान कॉल सिंह पर भी दाँव खेलने से कतरा रहा है।  परिवहन मंत्री जी एस बाली दिल्ली में बार बार केंद्रीय नेताओं से मुलाक़ात कर रहे है , इसलिए क्यास लगाये जा रहे हैं की कोंग्रस 2017 की दावेदारी को मजबूत करने के लिए जी एस बाली के नाम पर मुहर लगा सकती है।  बाली सबसे बड़े जिले कांगड़ा से आते है और हाल फिलहाल वीरभद्र विरोधी सेना का विस्वास बाली के कन्धों पर ही टिका है।  बाकी आने वाला समय ही बताएगा की क्या होगा परन्तु इतना तय है इस बार पहाड़ की सर्दी  में राजनैतिक गर्माहट तो रहेगी ही रहेगी
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