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शिमला हवाई सेवा पर हवा-हवाई बातें करके चले गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी?

इन हिमाचल डेस्क।। उड़ान योजना का आरंभ करते वक्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शिमला में बड़ी-बड़ी बातें की थीं। उनका कहना था कि यह ऐसी हवाई सेवा है जिसमें ‘हवाई चप्पल’ पहनने वाला आदमी भी यात्रा कर सकेगा। उनका अर्थ था कि आमतौर हवाई सेवा के किराए महंगे होते हैं और गरीब आदमी उन्हें अफॉर्ड नहीं कर सकता मगर इस योजना के बाद सस्ते किराए में कोई भी यात्रा कर सकेगा। प्रधानमंत्री ने शिमला के जुब्बड़हट्टी से दिल्ली के बीच चलने वाली एयर सर्विस की शुरुआत करते हुए पीएम मोदी ने कहा था कि इससे न सिर्फ हिमाचल प्रदेश के टूरिज़म को बूस्ट मिलेगा बल्कि हिमाचल के लोग इमर्जेंसी की स्थिति में कम किराए पर तुरंत दिल्ली पहुंच सकेंगे। पहली नजर में इन घोषणाओं को सुनकर अच्छा लगता है मगर अब पीएम के ये दावे हवा-हवाई होते नजर आ रहे हैं। दरअसल इस योजना को लेकर अब भी भ्रम की स्थिति बनी हुई है। जानें, क्या है इस एयर सर्विस की स्थिति:

दिल्ली से शिमला के बीच 42 सीटों वाला विमान उड़ान भरेगा मगर शिमला से दिल्ली आते वक्त इसमें कुल 35 यात्री और शिमला से दिल्ली 14 यात्री ही जा सकेंगे। वैसे तो शिमला से दिल्ली के लिए 28 सीटें मंजूर हैं मगर अभी 14 ही सीटें ही भरी जा रही हैं। शिमला एयरपोर्ट का रनवे छोटा होने, इंजन क्षमता और मौसम को ध्यान में रखते हुए ऐसा किया जा रहा है। ध्यान देने वाली बात यह है कि इस उड़ान सेवा में दोनों तरफ आधे टिकट ही सस्ते रेट पर मिलेंगे। यह रेट है 1920 रुपये और टैक्स मिलाकर ग्राहकों को 2021 रुपए चुकाने होंगे। बाकी टिकटों को मार्केट रेट पर खरीदना होगा जो कि बुक कराने की डेट के आधार पर 5000 से 19000 हजार रुपये तक हो सकते हैं।

नियम के अनुसार दिल्ली से शिमला आते वक्त 25 में से 17 सीटें ही 2021 रुपये की होंगी। इसी तरह से नियमों के अनुसार शिमला से दिल्ली के लिए मंजूर 28 सीटों में से सिर्फ 14 सीटें सस्ती होनी हैं। चूंकि अभी सिर्फ 14 ही यात्री दिल्ली ले जाए जा रहे हैं, इसलिए ये सभी 14 टिकट सस्ते खरीदे जा सकते हैं। ‘पंजाब केसरी’ की रिपोर्ट का तो कहना है कि अभी 10 लोगों को ही दिल्ली ले जाया जा रहा है।

अगर स्थिति यह है तो प्रश्न उठता है कि इस योजना का लाभ क्या होगा, क्योंकि हमने देखा कि दिल्ली से शिमला और शिमला से दिल्ली की फ्लाइट्स की आने वाले कुछ हफ्तों की सीटें पहले ही बुक हो चुकी हैं। शिमला से दिल्ली की फ्लाइट्स तो जून तक बुक हुई पड़ी हैं क्योंकि 14 ही सीटें दिल्ली के लिए उपलब्ध हैं और सभी सस्ती हैं। दिल्ली से शिमला के लिए सस्ते टिकटों की भी यही स्थिति है। अगर कोई तुरंत दिल्ली से शिमला आना चाह रहा हो तो उसे महंगा टिकट खरीदना होगा।

दिल्ली से शिमला फ्लाइट की स्थिति।

इस तरह से वह पॉइंट तो खत्म हो जाता है कि कोई इमर्जेंसी की स्थिति में इस विमान सेवा को इस्तेमाल करेगा। अगर किसी को तुरंत एयर सर्विस से दिल्ली निकलना हो तो वह उसे जून के बाद का इंतजार करना होगा जिसका कोई मतलब नहीं है। इसी तरह से जब सस्ते टिकट उपलब्ध नहीं हैं तो उसे 9000 रुपये तक में दिल्ली से शिमला का टिकट खरीदना पड़ सकता है। 9000 रुपये में एयरसेवा से शिमला देने के बजाय कोई भी बस सेवा से आकर या प्राइवेट टैक्सी हायर करके पूरे परिवार के साथ शिमला आ सकता है।

शिमला से दिल्ली की सीटें जून तक बुक

आलम यह है कि गुरुवार को पीएम मोदी ने भले ही आधिकारिक रूप से इस योजना को लॉन्च किया है मगर एयर इंडिया के कस्टमर केयर सेंटर पर अब तक इस योजना की कोई जानकारी नहीं है। ‘अमर उजाला’ अखबार का दावा है कि कंपनी के कस्टमर केयर नंबर 1800 180 1407 पर संपर्क करके फ्लाइट की जानकारी लेने की कोशिश की गई तो दूसरी तरफ से ऐसी कोई जानकारी न होने की बात कही गई।

प्रश्न यह भी उठता है कि जब रनवे छोटा है, इंजन की क्षमता आदि कम है तो शिमला से दिल्ली की उड़ान के लिए 28 सीटें किस आधार पर मंजूर की गईं और अब सिर्फ 14 यात्री ही क्यों ले जाए रहे हैं? जिस विमान के ट्रायल पर 28 सीटें मंजूर की, उसके बजाय ऐसा विमान क्यों उड़ाया जा रहा है जो सिर्फ 14 ही यात्रियों को लेकर जुब्बड़हट्टी से उड़ान भर सकता है। जब यह योजना पूरी तरह से क्रियान्वित ही नहीं हो पा रही है तो इसका उद्घाटन करके श्रेय लूटने की जल्दबाजी क्या थी? इस तरह की महंगी यात्राएं तो पहले भी शुरू होकर बंद हो चुकी हैं और प्रदेश के अन्य एयरपोर्ट्स पर पहले ही चल रही हैं। फिर इसे लेकर माहौल बनाने की क्या जरूरत थी?

गौरतलब है प्रधानमंत्री ने हिमाचल दौरे पर इस योजना से शुभारंभ और हाइड्रो इंजिनियरिंग कॉलेज के शिलान्यास के अलावा रिज से सिर्फ राजनीतिक भाषण दिया है, हिमाचल के लिए किसी और योजना या तोहफे का ऐलान नहीं किया है। सोशल मीडिया पर यही मुद्दा छाया है कि यह उड़ान सेवा सफेद हाथी बनकर रह जाएगी। यह स्कीम इसलिए भी नई नजर नहीं आ रही क्योंकि बहुत बाद की बुकिंग करवाने पर किसी भी रूट के टिकट बहुत सस्ते मिलते हैं और तुरंत लेने पर महंगे। स्पेशल ऑफर आने पर तो ये 2000 रुपये से भी सस्ते होते हैं। उडान योजना नई बोतल में पुरानी शराब लग रही है।

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