Site icon In Himachal | इन हिमाचल |

शिमला नगर निगम चुनाव: न बीजेपी की लहर दिखी न कांग्रेस का जलवा, मेयर पद के लिए जोड़-तोड़ शुरू

एमबीएम न्यूज नेटवर्क, शिमला।। शिमला नगर निगम चुनाव के नतीजे आने के बाद अब महापौर पद के लिए जोड-तोड़ शुरू हो गई है। नतीजों के मुताबिक भाजपा ने 17 सीटों पर कब्जा किया है। कांग्रेस को 13 सीटें मिली हैं। आजाद प्रत्याशी तीन रह गए हैं। जबकि सीपीआई(एम) को एक सीट मिली है। बहरहाल नगर निगम की सत्ता के जादुई 18 के आंकड़े को दोनों ही राजनीतिक दल अपने ही स्तर पर हासिल नहीं कर पाए हैं, लेकिन एक निर्दलीय के समर्थन से भाजपा बहुमत को हासिल कर सकती है। बताया जा रहा है कि एक निर्दलीय बीजेपी की ही विचारधारा का है।

इस बार 34 वॉर्डों में से 20 पर महिलाओं ने कब्जा जमाया है, जो शिमला नगर निगम के लिए अभूतपूर्व है। साल 2012 के निगम चुनाव में 13 महिला पार्षद जीत कर आईं थीं। निगम में इस बार मेयर पद पिछड़ी जाति की महिला के लिए आरक्षित है। इस रेस में वॉर्ड नंबर 4 अनाडेल से जीती भाजपा समर्थित कुसुम सदरेट का नाम आगे चल रहा है। नाभा, अनाडेल और विकासनगर वार्ड अनुसूचित जाति की महिलाओं के लिए आरक्षित है और इनमें से अनाडेल वार्ड से ही भाजपा समर्थित प्रत्याशी जीत दर्ज कर पाई है।

नाभा में कांग्रेस और विकासनगर में निर्दलीय प्रत्याशी विजयी रहे हैं। ऐसे में अनाडेल से कांग्रेस समर्थित कुसुम सदरेट के मेयर बनने की संभावनाएं प्रबल नजर आ रही हैं। चुंकि निगम चुनाव में भाजपा समर्थित सबसे बड़ी पार्टी बन कर उभरी है और उसे बहुमत जुटाने के लिए सिर्फ एक निर्दलीय प्रत्याशी की जरूरत है, ऐसे में नगर निगम में भाजपा का ही मेयर बनेगा। निगम के इतिहास में पहली बार भाजपा को मेयर पद नसीब होगा।

(वीडियो: जीत के बाद जश्न मनाते कार्यकर्ता)

नगर निगम में इस बार पहले ढाई साल एससी महिला और अगले ढाई साल सामान्य महिला के लिए आरक्षित है। निगम के वर्ष 2012 के चुनाव में मेयर और डिप्टी मेयर का सीधा चुनाव हुआ था। मगर इस बार हर वार्ड से चुनकर आए पार्षद मेयर और डिप्टी मेयर चुनेंगे। नगर निगम में मेयर का कार्यकाल भी कम कर दिया गया है। पांच साल की अवधि में दो मेयर बनेंगे, जिनका कार्यकाल ढाई-ढाई साल होगा। दोनों ही बार मेयर का चुनाव पार्षद अपनी सहमति से करेंगे। नगर निगम के इतिहास में यह तीसरी दफा होगा कि इसकी कमान महिला मेयर के हाथों होगी।

एमबीएम न्यूज नेटवर्क का फेसबुक पेज लाइक करें

इससे पहले दो बार शिमला नगर निगम का नेतृत्व महिलाएं कर चुकी है। पहले जैनी प्रेम और मधु सूद को शिमला नगर निगम का मेयर बनने का गौरव हासिल है। जैनी प्रेम 1999 में शिमला नगर निगम की मेयर अढ़ाई साल के लिए बनीं थी। वहीं इसके बाद साल 2010 में एक बार फिर नगर निगम की कमान महिला के हाथों आईं। इस बार मधु सूद को नगर निगम का मेयर बनाया गया था। इनका कार्यकाल भी अढ़ाई साल के लिए रहा था। वर्ष 1986 में आदर्श सूद शिमला नगर निगम के पहले मेयर बने थे।

Exit mobile version