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रिवालसर: अब तक 40 टन मछलियां मरीं, बचाव कर्मी बीमार

मंडी।। रिवालसर झील में अब तक करीब 40 टन मछलियां प्रदूषण की वजह से दम तोड़ चुकी हैं। पानी में ऑक्सिजन की कमी हो जाने की वजह से यह सब हो रहा है। शनिवार को भी झील से मछलियों की 5 ट्रॉलियां निकाली गईं। इसबीच मछलियों को बचाने में जुटे करीब आधा दर्जन कर्मचारी बीमारी की चपेट में आ गए हैं। खबर है कि उल्टी-दस्त की से जूझ रहे इन लोगों ने अस्पताल का रुख नहीं किया और प्राइवेट क्लीनिक से मिली दवाई से काम चल रहे हैं। अब पूरे इलाके में महामारी फैलने का खतरा भी मंडराने लगा है।

गौरतलब है कि दो हफ्ते पहले अचानक झील का रंग बदलने लगा था और पीला हो गया था। इसके बाद से मछलियों के मरने का सिलसिला शुरू हो गया था अब मत्स्य पालन विभाग जिंदा बची मछलियों को प्राकृतिक स्रोतों में डालकर उन्हें बचाने की कोशइश में लगा है। मरी मछलियों को निकालकर उन्हें जमीन में दबाने के लिए करीब 90 लोग लगे हुए हैं। लोग भी अपने स्तर पर हर संभव योगदान दे रहे हैं।

इस बीच मंडी के एक कारोबारी सुधांशु कपूर ने रिवालसर झील में जिंदा मछलियों को बचाने के लिए कृत्रिम ऑक्सीजन के 30 सिलिंडर अपनी ओर से प्रशासन को दिए हैं। इसके अलावा आईपीएच और अग्निशमन विभाग लगातार झील में शुद्ध पानी डाल रहा है ताकि जिंदा मछलियों को बचाया जा सके।

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