Site icon In Himachal | इन हिमाचल

हिमाचल में डिजिटल राशन कार्ड पर आखिर क्यों छापा गया चुनावी नारा?

शिमला।। अगर आपको डिजिटल राशन कार्ड मिल गया है तो उसे ध्यान से देखें। हिमाचल प्रदेश सरकार 16 लाख परिवारों को डिजिटल राशन कार्ड बांट रही है। एटीएम कार्ड की तर्ज पर बने इन डिजिटल राशन कार्डों में सबसे नीचे लिखा है- काम किया है काम करेंगे, झूठे वादे नहीं करेंगे। पढ़ने से ही पता चलता है कि यह चुनावी नारा है। चूंकि प्रदेश में सरकार कांग्रेस की है, यह नारा किसी और पार्टी का तो होगा नहीं। हो सकता है कि आप सोच रहे हों कि इसमें गलत क्या है। आपको बता दें कि सरकार द्वारा जारी किए जाने वाले अहम दस्वातेजों में चुनावी नारे इस्तेमाल नहीं किए जा सकते।  

सत्ता में कोई भी पार्टी रहे, सरकार की प्रकृति निष्पक्ष होती है। यानी सरकार वह संवैधानिक संस्था है जो स्थायी रहती है। इसलिए सरकारी आधार कार्ड, राशन कार्ड, वोटर आईडी कार्ड, पैन कार्ड, बस टिकट, मनरेगा जॉब कार्ड या अन्य किसी भई सरकारी प्रमाण पत्र में किसी पार्टी का नारा इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। यहां तक कि कंज्यूमर्स को दिए जाने वाले अधिकार पत्रों में किसी पार्टी की विचारधारा से जुड़ी बातों या नारे का इस्तेमाल नहीं हो सकता।

हिमाचल प्रदेश के बंट रहे डिजिटल राशन कार्ड में काम किया है काम करेंगे वाले नारे से जुड़ी बात पर हिमाचल प्रदेश के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री जीएस बाली कह चुके हैं कि तमाम आरोप निराधार हैं। उनका कहना है कि यह स्लोगन कांग्रेस पार्टी का नहीं है। वह कहते हैं कि इस मामले में राजनीति नहीं होनी चाहिए क्योंकि ऐसे नारे कई जगह लिखे होते हैं और इसमें विवाद की बात नही हैं। मगर सवाल उठता है कि इसमें ‘काम किया है काम करेंगे, झूठे वादे नहीं करेंगे’जैसा सतही और चुनावी नारा ही क्यों लिखा गया? क्या इसकी जगह कोई मोटिवेशनल यानी जनता को प्रेरणा देने वाला नारा या संदेश नहीं लिखा जा सकता था?

डिजिटल राशन कार्ड जारी करते मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह और खाद्य आपूर्ति मंत्री जीएस बाली

गौरलतब है कि हिमाचल में भाजपा की पिछली सरकार ने भी राशन बांटने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के फोटो वाला थैला बांटने की कोशिश की थी। इसका विरोध हुआ था और इसे रोकना पड़ा था। हालात यह हैं कि सरकारी पैसा खर्च करके बनाए गए ये थैले आज भी स्टोर में पड़े हुए हैं यानी सरकारी पैसे की बेकद्री की गई है। इससे पता चलता है कि जनता के पैसे को सत्ता में आकर ये पार्टियां कैसे इस्तेमाल करती हैं।

Exit mobile version