शिमला।। हिमाचल प्रदेश की चारों लोकसभा सीटें बीजेपी के पास हैं। 16वीं लोकसभा में अब तक के आंकड़ों की बात करें हमीरपुर के सांसद अनुराग ठाकुर सबसे तेज और कांगड़ा के सांसद शांता कुमार सबसे सुस्त नजर आते है। सांसदों के कामकाज का लेखा-जोखा देने वाली वेबसाइट prsindia.org के डेटा के मुताबिक अब तक अनुराग ठाकुर ने 51 डीबेट्स में हिस्सा लिया है और 304 सवाल पूछे हैं। मगर शांता कुमार ने एक भी चर्चा में हिस्सा नहीं लिया और सिर्फ 13 सवाल पूछे। ध्यान देने वाली बात यह है कि वेबसाइट के मुताबिक शांता कुमार ने आखिरी सवाल 4 अगस्त 2015 को पूछा था, जबकि अनुराग ठाकुर ने लेटेस्ट सवाल कुछ दिन पहले 22 मार्च 2017 (बजट सत्र) में पूछा है।
डिबेट्स में हिस्सा लेने और सवाल पूछने के मामले में पहली बार सांसद चुने गए मंडी के रामस्वरूप शर्मा भी शांता कुमार से आगे हैं। रामस्वरूप शर्मा 18 डिबेट्स में हिस्सा ले चुके हैं और 32 सवाल पूछ चुके हैं। अनुराग के बाद परफॉर्मेंस के मामले में शिमला के सांसद वीरेंद्र कश्यप आते हैं जिन्होंने 50 डिबेट्स में हिस्सा लिया है और 138 सवाल पूछे हैं। अनुराग ठाकुर और वीरेंद्र कश्यप ने अक्सर सवाल पूछे हैं। अनुराग ही एकमात्र ऐसे सांसद हैं जिनके सवालों की संख्या देश के अन्य सांसदों द्वारा सवाल पूछने के ऐवरेज (180 सवाल) से ज्यादा है। डीबेट्स के मामले में भी अनुराग नैशनल ऐवरेज (48.8) से आगे हैं।
अटेंडेंस की बात करें तो हिमाचल प्रदेश के सभी सांसदों की हाजिरी अच्छी है। सबसे ज्यादा हाजिरी वीरेंद्र कश्यप (93%) है और उसके बाद अनुराग ठाकुर (91%) है। फिर शांता कुमार (90%) और राम स्वरूप शर्मा (87%) का नंबर आता है। ध्यान देने वाली बात यह है कि अनुराग ठाकुर ही हिमाचल के एकमात्र ऐसे सदस्य हैं जिन्होंने प्राइवेट बिल पेश किए हैं। उन्होंने 3 प्राइवेट बिल लाए मगर अन्य सांसदों ने एक भी प्राइवेट बिल पेश नहीं किया।
Name | State | Constituency | Party | Attendance Percent | Debates Total | Questions Asked | Private Member Bills |
---|---|---|---|---|---|---|---|
Himachal Pradesh | Hamirpur | Bharatiya Janata Party | 91% | 51 | 304 | 3 | |
Himachal Pradesh | Mandi | Bharatiya Janata Party | 87% | 18 | 32 | 0 | |
Himachal Pradesh | Kangra | Bharatiya Janata Party | 90% | 0 | 13 | 0 | |
Himachal Pradesh | Shimla | Bharatiya Janata Party | 93% | 50 | 138 | 0 |
(Data PRS India से साभार)
गौरतलब है शांता कुमार से भी ज्यादा खराब स्थिति बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी की है जिन्होंने 1 ही डीबेट में हिस्सा लिया है। उन्होंने अब तक एक भी सवाल नहीं पूछा है और न ही कोई प्राइवेट बिल इंट्रड्यूस किया है। लोकसभा में सत्ताधारी पार्टी के वरिष्ठ सांसद अगर डिबेट्स में हिस्सा न लें तो यह एक तरह से नुकसान है क्योंकि वह अपने अनुभव से बहुत कुछ सिखा सकते हैं। यह भी हो सकता है कि पार्टी युवा सांसदों को ज्यादा मौके देना चाहती हो। मगर जनता से जुड़े सवाल पूछने में तो किसी तरह की हिचक नहीं होनी चाहिए। जब अनुराग और वीरेंद्र कश्यप मिलाकर 400 से ज्यादा सवाल पूछ सकते हैं, वहां शांता कुमार और रामस्वरूप शर्मा द्वारा मिलकर 45 सवाल पूछना थोड़ा अजीब लगता है।
देश के सबसे वरिष्ठ सांसदों में से एक का ऐसा प्रदर्शन निराश करने वाला है, वह भी तब जब उनका इतिहास रहा हो तथ्यों और तर्कों से भरी बातें करके जनता के हितों को उठाने का। अगर आप भी सांसदों का लोकसभा में किया गया प्रदर्शन देखना चाहते हैं तो आगे दिए लिंक पर क्लिक करें: PRS INDIA