ऊना।। हिमाचल प्रदेश के ऊना क्षेत्र के डठवाड़ा में जख्मी तेंदुए ने वनविभाग के रेंज ऑफिसर पर हमला कर दिया। राजेश कुमार कुछ अन्य लोगों के साथ इलाके में तेंदुए की खबर मिलने पर बिना तैयारी के ही सर्च ऑपरेशन में जुटे थे। इसी बीच झाड़ियों से निकलकर तेंदुए ने राजेश पर हमला कर दिया, जिसमें वह बुरी तरह जख्मी हो गए। साथ मौजूद लोगों ने अफसर को बचाने की कोशिश में दराट से तेंदुए को भी मार डाला। राजेश का पीजीआई चंडीगढ़ में उपचार चल रहा है।
अमर उजाला की रिपोर्ट के मुताबिक तेंदुए की मौत मामले में पशु चिकित्सकों और वन विभाग के विशेषज्ञों द्वारा किए गए पोस्टमार्टम में उसे छर्रे लगने का खुलासा हुआ है। इसके आधार पर पुलिस ने अज्ञात शिकारियों के खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। मगर सोशल मीडिया पर आए एक विडियो से पता चलता है कि भले ही तेंदुआ छर्रों से पहले से जख्मी हो, उसे रेंज ऑफिसर राजेश को बचाने की कोशिश के दौरान दराट से काटकर मारा गया। तेंदुए ने राजेश का सिर दबोचा हुआ था।
पुलिस अधीक्षक अनुपम शर्मा ने बताया कि पुलिस ने मामले के संदर्भ में अज्ञात शिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। मगर इस बीच वन विभाग के ऊपर भी सवाल उठ रहे हैं, जो बिना तैयारी के ही सर्च ऑपरेशन करने पहुंच गए। इन कर्मचारियों के पास न तो ट्रैंक्वलाइजर (बेहोश करने वाली) गन थी और न ही तेंदुए को पकड़ने के इंतजाम। ऐसे में घायल तेंदुए के हमले से न सिर्फ एक अधिकारी की जान पर बन आई, बल्कि इस जीव को भी अपनी जान गंवानी पड़ी।
सोशल मीडिया पर रेंज ऑफिसर की बहादुरी के चर्चे हैं कि कैसे संसाधन न होते हुए भी वह लोगों की सुरक्षा के लिए तेंदुए को तलाश करने के लिए निकल पड़े। साथ ही वन विभाग के खिलाफ लोगों में गुस्सा है कि अधिकारियों और कर्मचारियों को हालात से निपटने के लिए न तो जरूरी साजो-सामान दिया जाता है और न ही स्पेशल ट्रेनिंग दी जाती है। तेंदुए के मारे जाने के पशु-प्रेमी और वन्यजीव वैज्ञानिक भी नाराज हैं। गौरतलब है कि हाल के दिनों में हिमाचल में यह तीसरी घटना है, जिसमें तेंदुए की जान गई है। इससे पहले सिरमौर और बिलासपुर में आदमखोर तेंदुओं को मारा गया है।
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