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कोटरोपी: पहाड़ी में दिखी बड़ी दरार, 5 गांव खाली करवाए

एमबीएम न्यूज नेटवर्क, मंडी।। भूस्खलन के बाद त्रासदी झेल रहे कोटरोपी गांव पर एक बार फिर खतरा मंडरा रहा है। पहाड़ी पर एक बहुत बड़ी दरार नजर आई है। प्रशासन ने पहले ही सावधानी बरतते हुए पांच गांवों को खाली करवा दिया है। पानी का रिसाव भी तेज हो गया है जिससे मुश्किलें बढ़ गई हैं।

 

जिला प्रशासन ने कोटरोपी गांव के साथ लगते पांच अन्य गांवों में अलर्ट जारी करते हुए यहां के लोगों को दूसरे स्थानों पर शिफ्ट कर दिया है। प्रशासन ने सराजबागला, जगेहड़, बडवाहण, रोपा और सास्ती गांवों में अलर्ट जारी किया है। यह अलर्ट एहतियात के तौर पर जारी किया गया है क्योंकि पहाड़ी पर एक बहुत बड़ी दरार की जानकारी मिली है।

इस बड़ी दरार से पहाड़ी का एक बहुत बड़ा हिस्सा फिर से दरकने का खतरा बन गया है। यही नहीं पहाड़ी से जो मलबा गिरा है उस कारण यहां से बहने वाला नाला ब्लॉक हो गया है। इस कारण पानी छोटे-छोटे जलाशयों के रूप में रुक गया है और अब यह पानी रिसाव होकर पहले से गिरे हुए मलबे को आगे बहा कर ले जा रहा है।

 

मंडी के डीसी संदीप कदम ने बताया कि एहतियात के तौर पर पांच गांवों को खाली करवा दिया गया है और उनकी दूसरे स्थानों पर वैकल्पिक व्यवस्था कर दी गई है। प्रभावितों के घरों पर नोटिस भी चिपका दिए गए हैं और उन्हें कम्बल और तिरपाल आदि देकर सुरक्षित स्थानों पर जाने को कहा गया है।

मंडी जिले के पद्धर के पास कोटरोपी में बहुत बड़े भूस्खलन से भारी नुकसान हुआ है।

जिन पांच गांवों को प्रशासन ने खाली करवाया है उन गांवों के लोगों की जिंदगी में अचानक ही परेशानियों का अम्बार खड़ा हो गया है। जिंदगी भर की कमाई से बनाए आशियानों को छोड़कर जाना लोगों के लिए मुश्किल हो रहा है। लोग जैसे-तैसे यहां पर दिन बीता रहे हैं और रात गुजारने के लिए प्रशासन के बताए ठिकाने पर जा रहे हैं। स्थानीय लोगों ने बताया कि खतरे के साए में रहना उनके लिए दुश्वार होता जा रहा है और कभी बच्चों को रिश्तेदारों के घरों में भेजना पड़ रहा है तो कभी खतरे के साए में रखना पड़ रहा है। ग्रामीणों के जो पशु हैं उन्हें छोड़ना पड़ रहा है। इन्होंने प्रशासन और सरकार से इस समस्या के स्थायी समाधान की गुहार लगाई है।

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पहाड़ी पर जिस दरार और मलबा खिसकने की संभावना को लेकर प्रशासन ने अलर्ट जारी किया है, यदि दुर्भाग्यवश यह घटना घट जाती है तो फिर पहले से भी अधिक नुकसान होना स्वभाविक है। सभी यही उम्मीद और दुआ कर रहे हैं कि जैसे-तैसे यह प्राकृतिक आपदा थम जाए और जीवन सामान्य हो जाए।

(यह एमबीएम न्यूज नेटवर्क की खबर है और सिंडिकेशन के तहत प्रकाशित की गई है)

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