कांगड़ा।। आमतौर पर देखने को मिलता है कि राजनेताओं की रैलियों और काफिलों के चलते लोगों को समस्याओं का सामना करना पड़ता है। टीवी पर आए दिन मामले देखने को मिलते हैं कि मंत्रियों या नेताओं का काफिला या रोडशो निकालने के चक्कर में ऐंबुलेंस तक फंस गई। राजनेता इस मामले में जिस तरह से लापरवाही भरा रवैया अपनाते हैं, वह हम सभी ने देखा है। मगर इस मामले में हिमाचल प्रदेश थोड़ा अलग रहा है। कई मंत्रियों और नेताओं के काफिले इस तरह के हालात में इमर्जेंसी वीइकल्स को रास्ता देते रहे हैं। यह दिखाता है कि हिमाचल प्रदेश और यहां के राजनेताओं में कई कमियां हैं मगर वे अपेक्षाकृत अन्य राज्यों से बेहतर हैं। ऐसे ही एक काम के लिए हिमाचल प्रदेश के वरिष्ठ बीजेपी नेता और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा सोशल मीडिया पर चर्चा हैं। एक कार्यक्रम के सिलसिले में घुघर आए जेपी नड्डा के स्वागत में भारी भीड़ जुटी थी। कार्यकर्ताओं का उत्साह ऐसा था कि वे नड्डा के स्वागत में रोड पर ही जमा हो गए थे। कई नेता अपनी गाड़ियों में भी आए थे। इस बीच वहां ऐंबुलेंस आई और फंस गई। जैसे ही नड्डा का ध्यान इस ओर गया, उन्होंने अपना कार्यक्रम बीच में ही रोक दिया और कार्यकर्ताओं को वहां से हटने को कहा। वह खुद ही गाड़ियों और कार्यकर्ताओं को वहां से हटाकर ऐंबुलेंस के लिए रास्ता बनाने में जुट गए।
नड्डा को खुद मोर्चा संभालते देख वहां मौजूद लोग भी हरकत में आए और ऐंबुलेंस के लिए रास्ता बनाने में जुट गए। आसपास खड़े लोग भी मदद के लिए आगे आए ताकि साइड में खड़ी गाड़ियों को और किनारे करके जगह बनाई जाए और ऐंबुलेंस आराम से निकल सके।
Himachal Pradesh: Health Minister JP Nadda stops his program midway to ensure passage of an ambulance in Ghughar pic.twitter.com/NX6ZSi54xS
— ANI (@ANI_news) May 2, 2017
एक अन्य मामले में जेपी नड्डा का काफिला उस वक्त भी रुका जब उन्होंने रास्ते में एक ऐक्सिडेंट देखा। नड्डा गाड़ी से उतरे और उन्होंने घायलों के लिए ऐंबुलेंस का इंतजाम करवाया और उन्हें टांडा मेडिकल कॉलेज भिजवाया।
In a separate incident, Health Minister JP Nadda came across a car accident and arranged an ambulance for injured to Tanda Medical College. pic.twitter.com/uB557jRuRz
— ANI (@ANI_news) May 2, 2017
नड्डा से पहले हिमाचल प्रदेश के अन्य नेता भी इस तरह से संवेदनशीलता दिखाते रहे हैं। हिमाचल प्रदेश के लोगों को, भले वे नेता हों या कोई और, यह भावना बरकरार रखनी चाहिए। प्रदेश की पहचान इन्हीं अच्छाइयों की वजह से होनी चाहिए।