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हिमाचल पुलिस में अंतर्कलह: एसएसपी संजीव गांधी ने डीजीपी अतुल वर्मा पर लगाए आरोप

संजीव गांधी

शिमला।। विमल नेगी मौत मामले की जांच को लेकर पुलिस विभाग में चल रही कलह अब और खुलकर सामने आ गई है। हिमाचल प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड के चीफ इंजीनियर रहे विमल नेगी की मौत की जांच सीबीआई को सौंपी जाए या नहीं, इस पर हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान डीजीपी ने एक हलफनामा दिया था। उसमें उन्होंने एसआईटी और शिमला के एसएसपी संजीव गांधी पर सवाल उठाए थे।

अब संजीव गांधी ने शिमला में प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि मैंने 25 साल तक ईमानदारी से तपस्या की तरह पुलिस विभाग में नौकरी की है। उन्होंने कहा कि अगर कोई उनकी ईमानदारी पर सवाल उठाता है तो वो पद छोड़ना पसंद करेंगे। उन्होंने कहा कि एसआईटी इस मामले को दोबारा अदालत में लेकर जाएगी ताकि विमल नेगी को न्याय मिल सके।

डीजीपी पर गंभीर आरोप
इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में संजीव गांधी ने डीजीपी पर कई गंभीर आरोप लगाए। गांधी ने कहा कि शिमला पुलिस ने सीआईडी के एक मामले में जांच की थी, लेकिन इसका एक गुप्त पत्र को चुराकर पुलिस महानिदेशक के निजी स्टाफ ने लीक करवाया था। इसके साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि डीजीपी का स्टाफ ड्रग पेडलर्स के संपर्क में पाया गया है। गांधी ने कहा कि संजय भूरिया नामक गैंग में डीजीपी के निजी स्टाफ का कर्मचारी संलिप्त पाया गया है।

उन्होंने ये भी कहा कि पुलिस महानिदेशक ने सीआईडी में रहते हुए एक जूनियर अधिकारी पर दबाव बनाकर एक रिपोर्ट तैयार करवाई थी और कोर्ट को गुमराह करवाया था। गांधी ने कहा कि जब पुलिस महानिदेशक का कार्यालय का इस प्रकार के व्यक्तियों के साथ संचालित हो रहा तो पुलिस अधीक्षक का धर्म व कर्म बनता है कि न्याय व प्रक्रिया को ध्यान में रखते हुए ऐसे कार्यालय की विश्वसनीयता के बारे में जनता को भी सचेत करें और इस तरह की महत्वपूर्ण जांच को भी इस तरह के व्यक्ति से बचाए।

पूर्व डीजीपी पर भी आरोप
शिमला एसएसपी ने कहा कि जब शिमला के मिडल बाजार में हिमाचली रसोई में गैस लीक होने से ब्लास्ट हुआ था, उसमें एनएसजी (शायद वह एनआईए कहना चाह रहे थे) को बुलाया गया। एसएसपी का आरोप है कि सबूतों से छेड़छाड़ की गई और कहा गया कि इसमें आरडीएक्स था। उन्होंने तत्कालीन डीजीपी (संजय कुंडू) पर आरोप लगाया कि उन्होंने तब सरकार को मेरे खिलाफ चिट्ठी लिखी थी कि ये एसपी शिमला की लापरवाही है। हालांकि जांच में साफ हुआ कि धमाका आरडीएक्स से नहीं, गैस से हुआ था। गांधी ने कहा कि इससे सवाल उठता है कैसे बड़े पुलिस अधिकारी एनएसजी का इस्तेमाल कर रहे हैं।

जब उनसे एक पत्रकार ने पूछा कि कहीं आप डीजीपी कहीं वह जनता में बन रहे माहौल को देखते हुए ये सब आरोप तो नहीं लगा रहे हैं। तो उन्होंने कहा कि उनके पास हर बात के सबूत हैं। उन्होंने ये भी कहा कि इन सभी बातों पर उन्होंने सरकार को चिट्ठियां लिखी हैं और सब रिकॉर्ड में है। गांधी ने कहा कि उन्होंने पुलिस भर्ती में अनियमितता पर आपत्ति जताई थी और बाद में इस मामले में धांधली भी निकली थी। इस बात से हेडक्वॉर्टर के अधिकारी उनसे चिढ़े हुए हैं।

एसएसपी संजीव गांधी ने धर्मशाला से भाजपा विधायक सुधीर शर्मा के खिलाफ मानहानि का मुकदमा भी दर्ज किया है। एसपी ने यह केस 21 मई को हाईकोर्ट की कार्यवाही के वीडियो क्लिप को वायरल करने पर दायर किया है। गांधी का कहना है कि इसे उनके छवि खराब करने के इरादे से वायरल किया गया।

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