Site icon In Himachal | इन हिमाचल : In Himachal delivers the latest news, insightful views, and policy analysis in Himachal Pradesh. Join our platform to stay informed and hold politicians and officials accountable as a vigilant civilian watchdog.

बैजनाथ के पूर्व विधायक की मां को सरकारी जमीन आवंटित करने में पाई गई खामियां

डीसी कार्यालय

बैजनाथ।। प्रमुख सरकारी भूमि के आवंटन से संबंधित एक मामले में  उपायुक्त कांगड़ा ने चकोटा प्रणाली के तहत पूर्व विधायक मुलख राज प्रेमी की मां को जमीन आवंटित करने में खामियां पाई हैं। ये खामियां प्रक्रिया से जुड़ी हैं और दस्तावेज़ भी पर्याप्त नहीं पाए गए हैं।

उपायुक्त ने वीरेंद्र जमवाल नाम के याचिकाकर्ता की ओर से जनहित में दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए ये बातें पाईं।याचिकाकर्ता ने पूर्ववर्ती उप-विभागीय अधिकारी (एसडीओ) और तहसीलदार द्वारा जारी उन आदेशों को चुनौती दी थी, जिनके तहत पूर्व विधायक की माता को को मूल्यवान सरकारी भूमि आवंटित की गई थी।

याचिकाकर्ता का तर्क था कि इस भूमि का उपयोग सरकार द्वारा सार्वजनिक कल्याण गतिविधियों या बुनियादी ढांचे के विकास के लिए किया जा सकता था। याचिकाकर्ता वीरेंदर जमवाल की ओर से पेश एडवोकेट प्रणव घाबरू ने बताया कि यह आवंटन बिना उचित प्रक्रिया का पालन किए और अधूरे व अपर्याप्त दस्तावेजों के आधार पर किया गया था।

उपायुक्त ने मामले की समीक्षा के बाद याचिकाकर्ता के तर्क से सहमति जताई और प्रक्रियात्मक अनियमितताओं की पहचान की। अपने आदेश में, उपायुक्त ने मामले को पुनः निर्णय के लिए वापस भेजने का फैसला किया है। उन्होंने एसडीओ सिविल बैजनाथ को मामले को सही तरीके से संभालने और सभी प्रक्रियाओं का सावधानीपूर्वक पालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। इस कदम का उद्देश्य प्रक्रियात्मक कमियों को ठीक करना और मुद्दे का निष्पक्ष और पारदर्शी समाधान सुनिश्चित करना है।

मिसाल बन सकता है यह मामला
उपायुक्त का यह निर्णय समान मामलों के लिए एक मिसाल बनने की उम्मीद है, जो कानूनी प्रक्रियाओं और संपूर्ण दस्तावेजों के महत्व को उजागर करता है, विशेष रूप से मूल्यवान सरकारी भूमि से संबंधित मामलों में। यह मामला अब जनता और अधिकारियों द्वारा बारीकी से देखा जाएगा, क्योंकि इसका क्षेत्र में भूमि आवंटन प्रथाओं और सार्वजनिक कल्याण पहलों पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ सकता है।

जैसे ही मामला पुनः निर्णय के लिए एसडीओ सिविल बैजनाथ के पास वापस जाएगा, सभी की नजरें परिणाम और भविष्य में ऐसी प्रक्रियात्मक कमियों को रोकने के लिए उठाए गए कदमों पर होंगी।

Exit mobile version