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माता-पिता नहीं थे, दादी ने ही पाला था वनरक्षक होशियार को

मंडी।। संदिग्ध हालात में मृत पाए गए फॉरेस्ट गार्ड होशियार सिंह की मौत से उनका पूरा गांव सदमे में है। गांव के लोग जंगल में उसकी तलाश कर रहे थे। जब उन्हें पता चला कि किस हालत में उनके बेटे का शव मिला है, वे सन्न रह गए। तस्वीर देखें तो हाथों में खून के निशान हैं जिससे पता चलता है कि उसे शायद बांधा गया था। सिर पर जख्म है और पेड़ पर लाश टांग दी गई थी। यह दृश्य देखकर किसी का भी दिल दहल सकता है। मगर होशियार के संघर्ष की कहानी पढ़कर आपका भी दिल पसीज जाएगा।

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होशियार सिंह पढ़ाई में तेज होने के साथ एक ऐथलीट भी था। होशियार को मां का प्यार भी नसीब नहीं हो पाया था। जन्म देते ही उसकी मां की मौत हो गई थी। यही नहीं, जब वह अबोध था तभी सिर से पिता का साया छिन गया था। जब वह 10 साल का था तो  पिता का भी निधन हो गया था। होशियार को उसकी दादी ने पाल-पोसकर बड़ा गिया था। कई हालातों से जूझते हुए उसने फॉरेस्ट गार्ड की नौकरी पाई थी।

परिजनों और उसे जानने वालों का कहना है कि होशियार सिंह काफी निडर और ईमानदार था। उसके चाचा परस राम ने वन माफिया पर हत्या का संदेह जताया है। पुलिस का कहना है कि पहली नजर में यह हत्या का मामला लग रहा है। इस दरिंदगी से साफ है कि कोई मेसेज देना चाहता था सबको। यह कबायली तरीका है हत्या का। बहरहाल, यह एक फॉरेस्ट गार्ड की हत्या नहीं बल्कि वन विभाग के कर्मचारियों की हिम्मत और परिजनों के सपनों की भी हत्या है।

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