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पावंटा साहिब के मिश्रवाला में ईद पर हुई मारपीट के बाद से अब तक बरकरार है तनाव

पावंटा साहिब।। सिरमौर जिले के पावंटा साहिब में इन दिनों माहौल अजीब सा हुआ पड़ा है। दरअसल यहां पर मिश्रवाला स्थित मदरसा कादरिया में ईद वाले दिन मुस्लिम समुदाय के दो गुटों के बीच खूनी संघर्ष हो गया था। इस विवाद में एक गुट के 5 लोग जख्मी हो गए थे, जिनमें एक बच्चा शामिल था। यह घटना उस वक्त हुई, जब ईद की नमाज अदा कर रहे एक गुट पर दूसरे गुट के शरारती तत्वों ने पत्थरबाजी कर दी। इसके बाद जो हालात बने हैं, वे अब तक पूरी तरह शांत नहीं हुए हैं। पुलिस ने शांति तो बहाल कर दी है, मगर तनाव बरकरार है। मिश्रवाला से पावंटा साहिब तक चप्पे-चप्पे पर पुलिस की तैनाती करनी पड़ी है और किसी भी तरह के हालात से निपटने के लिए तैयारी की गई है।

एक छात्र भी बुरी तरह जख्मी हुआ था।

एसडीएम एचएस राणा ने बुधवार को बताया था कि एक गुट ने ज्ञापन दिया है, जिसमें 24 घंटे के भीतर कार्रवाई करने की मांग की गई है। इस अल्टिमेटम को देखते हुए गुरुवार सुबह ही एसपी सिरमौर सौम्या सांबशिवन ने मदरसे में डेरा डाल लिया और आंसुगैस छोड़ने को लेकर ट्रायल भी किया। क्विक रेस्पॉन्स टीम के साथ खुफिया टीम भी ऐक्टिव है और अतिरिक्त पुलिसकर्मी भी तैनात किए गए हैं। इस बीच पुलिस ने मदरसे में स्थाई पोस्ट बनाने का फैसला किया है, जहां पर 24 घंटे 4 पुलिसकर्मी तैनात रहेंगे।

आंसु गैस के गोले का परीक्षण करतीं एसपी सौम्या सांबशिवन। (Image: MBM News Network)


जानें, क्या है विवाद की वजह
अक्टूबर 2015 में मदरसा कादरिया के प्रिसिंपल कबीरुद्दीन की किसी महिला के साथ कथित अश्लील सीडी सामने आई थी। इसके बाद से ही मदरसा प्रबंधन कमिटी के एक हिस्से से कबीरुद्दीन को हटाने की मांग उठने लगी थी। बाद में प्रिसिंपल अदालत से बरी हो गए और इसके बाद मजलिस-ए-सुरा प्रबंधन कमिटी दो हिस्सों में बंट गई। दोनों ही गुटों ने अलग-अलग कमेटियां बना लीं। इन दोनों में कौन सही है, कौन गलत, इसे लेकर मामला रजिस्ट्रार आॅफ सोसायटी, शिमला के पास पड़ा है, मगर दोनों एक-दूसरे पर माहौल खराब करने के आरोप लगाते रहते हैं। एसडीएम पावंटा ने तो यहां पर कोई भी जलसा लगाने पर पहले से ही रोक लगाई हुई है।

ईद वाले दिन क्या हुआ

मंगलवार को ईद-उल-जुहा के मौके पर मिश्रवाला और आसपास के हजारों मुस्लिम समुदाय के लोग मदरसा कादरिया में नमाज अदा करने पहुंचे थे। पहले यहां पर मौलाना कबीरुद्दीन गुट ने नमाज अदा की। इसके बाद दूसरा गुट अलग नमाज अदा करने लगा। शुरुआती छानबीन में यह साफ हुआ है कि मदरसे के छात्रों ने नमाज अदा कर रहे इन लोगों पर पत्थर फेंकने शुरू किए थे। इसके लिए उन्हें किसने उकसाया था, यह साफ नहीं हो पाया है। चर्चा तो यह भी है कि बाहर से शरारती तत्व बुलाए गए थे, जिनमें मदरसे के कुछ छात्र भी शामिल थे। कहा जा रहा है कि इस घटना को सुनियोजित तरीके से अंजाम दिया गया था, क्योंकि ईद की नमाज से पहले ही रात को मदरसे के अंदर और छतों पर पत्थर डंडे रखे गए थे।

जब माइक पर कुछ बोलने को लेकर कहासुनी हुई और बाद में नमाज पढ़ रहे दूसरे गुट के लोगों पर पत्थरबाजी हुई, मदरसे के परिसर के अंदर पत्थरबाजी और मारपीट का माहौल बन गया। मौके पर पहुंची पुलिस ने किसी तरह से एक गुट को वहं से बाहर निकाला तो उन्होंने गाड़ियों में तोड़फोड़ की और पलट दिया। थाना प्रभारी पांवटा ने पूरी टीम समेत मौके पर जाकर स्थिति को काफी हद तक काबू  में किया। लोगों का कहना है कि अगर स्थानीय पुलिस बल समय पर मौके पर नहीं पहुंचता तो संघर्ष के दौरान बड़ा नुकसान हो सकता था। बाद में एएसपी सिरमौर विनोद धीमान भी मौके पर पहुंचे और एसपी सिरमौर ने दौरा किया। मगर तब से लेकर अब तक माहौल शांत नहीं हो पाया है। दोनों पक्षों की तरफ से क्रॉस एफआईआर हुई है।

क्या कहना है दोनों पक्षों का

मदरसा कादरिया के प्रिसिंपल कबीरुदीन का कहना है कि मुझे बदनाम करने की साजिश चल रही है। वह कहते हैं, ‘जब महिला के मामले में मैं अदालत से बरी हो गया हूं तो मुझे पद से कैसे हटाया जा सकता है?’ कबीरुद्दीन को मजलिस-ए-सूरा प्रबंधन कमेटी और शिक्षकों का पूरा समर्थन प्राप्त है। दूसरी तरफ मिश्रवाला पंचायत के प्रधान शुकरदीन का कहना है कि कमेटी ने प्रिसिंपल को हटाने का फैसला ले लिया है, ऐसे में उन्हें हटना ही होगा। उनका कहना है कि अब जनता सड़कों पर उतरेगी।

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