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गडकरी से मिले ‘तोहफे’ का क्रेडिट लेने की कोशिश में अनुराग ठाकुर?

शिमला।।

पिछले दिनों केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी निजी दौरे पर हिमाचल आए थे। धर्मशाला में उन्होंने प्रदेश में अपने समकक्ष जी.एस. बाली के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस की और हिमाचल प्रदेश के लिए नए नैशनल-हाइवेज़ समेत कई ऐलान किए। जाहिर है, केंद्र सरकार इस तरह के फैसले किसी तरह का सपना आने पर नहीं लेती। प्रदेश की सरकारों और वहां के सांसदों से सिफारिश मिलने के बाद उसकी प्रांसगिकता वगैरह का सर्वे करने के बाद इस तरह के फैसले लिए जाते हैं। मगर हिमाचल प्रदेश के बीजेपी सांसदों में गडकरी के ऐलानों का क्रेडिट लेने की होड़ मच गई है। सबसे ज्यादा हास्यास्पद स्थिति में नजर आ रहे हैं- बीसीसीआई सेक्रेटरी और हमीरपुर के सांसद अनुराग ठाकुर।

अनुराग ठाकुर ने अपने फेसबुक पेज पर गडकरी से आया लेटर शेयर करते हुए जो लिखा है, वह गौर करने लायक है। वह लिखते हैं (हिंदी में अनुवाद)- अपने राज्य हिमाचल प्रदेश में नए नैशनल हाइवेज़ बनाने को लेकर चर्चा करने के लिए मैं माननीय सड़क परिवहन, हाईवेज़ और शिपिंग मिनिस्टर श्री नितिन गडकरी से मिला। केंद्र सरकार ने नीचे शेयर किए गए लेटर में लिखे गए प्रॉजेक्ट्स और फंड्स को अप्रूव कर दिया है।

अनुराग बताना चाहते हैं कि उन्होंने गडकरी से मुलाकात की, हाइवे को लेकर चर्चा की और उन्होंने इसे अप्रूव कर दिया। वह जताना चाहते हैं कि ये हाइवेज़ और प्रॉजेक्ट्स उनके चर्चा करने की वजह से ही अप्रूव हुए हैं। लेटर को ध्यान से देखें तो इसमें 11 मई  लिखा हुआ है। मगर इसी तरह का एक लेटर 10 मई को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा ने भी शेयर किया है। वह भी उन्हें संबोधित करके लिखा गया है। नीचे देखें

जाहिर है, यह विभागीय पत्र है जो संबंधित सांसदों को भेजा गया है। यह सामान्य विभागीय प्रक्रिया है। इस तरह के मेसेज सभी सांसदों को भी भेजे जाते हैं। इसमें कोई शक नहीं कि इस बारे में सांसदों ने बात की होगी, जिनमें अनुराग ठाकुर भी शामिल होंगे, मगर लेटर को अलग अंदाज में श्रेय लेने की भाषा में पोस्ट करना अखरता है। एक अन्य सांसद ने भी ऐसा लेटर अपने फेसबुक पेज शेयर किया था, बाद में उसे डिलीट कर दिया गया।

यह बात सोशल मीडिया पर भी चर्चा का विषय बनी रही और लोगों ने सांसदों का मजाक बनाया। कुछ यूजर्स ने कहा कि जब गिनाने के लिए वास्तविक उपलब्धियां न हों, तभी डेस्परेशन में इस तरह के कदम उठाए जाते हैं। तो कुछ लोगों का यह भी कहना था कि अनुराग ठाकुर को राजनीति के बजाय क्रिकेट पर ही ध्यान फोकस कर लेना चाहिए। कुछ लोग बचाव करते हुए भी नजर आए, जिनका कहना था कि अनुराग दोनों भूमिकाओं को बखूबी निभा रहे हैं।

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