मनाली।।
हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने कहा है कि रोहतांग में सीएनजी वाली गाड़ियां चलाने के फैसले पर सरकार को पुनर्विचार करना चाहिए, क्योंकि CSIR के सर्वे में साफ हुआ था कि इससे कैंसर होने की आशंका रहती है। गौरतलब है कि रोहतांग पर प्रदूषण फैलाने वाली गाड़ियों पर बैन लगाने के एनजीटी के फैसले के बाद हिमाचल सरकार सीएनजी वाले वाहन चलाने पर विचार कर रही है।
धूमल ने मनाली में प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘रोहतांग में सीएनजी चलाने के फैसले पर पर सरकार को पुनर्विचार करना चाहिए। सीएसआईआर के सर्वे में साफ कहा गया है कि सीएनजी का प्रयोग खतरनाक है और इससे कैंसर की आशंका रहती है।’
धूमल का कैंसर सबंधी यह बयान CSIR के उस रीसर्च के नतीजों पर आधारित है, जिसमें कहा गया था कि इसके जलने पर निकलने वाले धुएं में कैंसर पैदा करने वाले तत्व होते हैं। यह स्टडी छोटे पैमाने पर की गई थी, इसलिए इसे मान्यता नहीं मिल पाई थी। हालांकि देश-विदेश में हुए अन्य शोधों में इस तरह की कोई बात सामने नहीं आई है।
एनजीटी के फैसले पर चिंता जाहिर करते हुए धूमल ने कहा कि इससे स्थानीय लोगों के सामने रोजी-रोटी का संकट पैदा हो गया है। उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि सरकार मामले की गंभीरता को समझ नहीं रही है। धूमल नेे कहा कि अगर रोहतांग में प्रदूषण होता तो इतनी अधिक बर्फबारी न होती।
धूमल ने यह भी कहा कि रोहतांग पर ग्लेशियर की बात हास्यास्पद है और वहां ग्लेशियर कभी नहीं था। पूर्व सीएम ने पर्यटन व्यवसाय में आई गिरावट के लिए कांग्रेस सरकार को जिम्मेदार ठहराया।