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भारत के पहले पैराग्लाइडिंग वर्ल्ड कप के लिए बिलिंग-बैजनाथ तैयार

कांगड़ा।।

पैराग्लाइडिंग के लिए दुनिया भर में पहचान रखने वाली बिलिंग घाटी में 23 अक्तूबर से होने जा रहे पैराग्लाइडिंग वर्ल्ड कप के मद्देनजर बीड़ में बिलिंग पर 14 किलोमीटर सड़क को टायरिंग कर पक्का किया जा चुका है। इसके चलते अब पैराग्लाइडिंग पायलट एवं पर्यटक बेरोकटोक के घाटी में अपनी गाडि़यों में पहुंच सकते हैं।

हिंदी अखबार ‘दिव्य हिमाचल’ की खबर के अनुसार वर्ल्ड कप के दौरान मात्र 45 मिनट में 150 प्रतिभागियों की एकाएक उड़ान भरने हेतु बिलिंग के टेक ऑफ साइट पर तीन साइटों को समतल करने का कार्य भी शुरू किया जा सकेगा। गौर हो कि अब तक दुनिया भर के 47 देशों से करीब 400 पायलट ऑनलाइन अपना पंजीकरण करवा चुके हैं। इनमें अफ्रीका, न्यूजीलैंड, यूके अर्जेंटीना, टर्की, इंग्लैंड, इजरायल, नार्वे, जर्मनी, रूस, जापान, मैकसिको, आस्ट्रिया, इटली, ब्राजील के साथ 40 के करीब महिलाएं भी शामिल हैं।

मगर पैराग्लाइडिंग वर्ल्ड कप एसोसिएशन के मापदंडों के चलते इस घाटी में मात्र 125 से 150 पायलट वर्ल्ड कप प्रतिस्पर्द्धा में ही उड़ान भर सकते हैं। बिलिंग पैराग्लाइडिंग एसोसिएशन द्वारा पंजीकरण की अंतिम तिथि जुलाई माह के तीसरे सप्ताह पर रखी गई है। इसलिए पीडब्ल्यूडी सीए की तकनीकी कमिटी जुलाई माह के अंतिम माह में रैकिंग के हिसाब से वर्ल्ड कप प्रतिस्पर्द्धा में हिस्सा लेने वाले करीब 150 पायलटों की अंतिम सूची जारी करेगी। वहीं पायलट इस प्रतिस्पर्द्धा में हिस्सा ले सकेंगे।

बिलिंग पैराग्लाइडिंग एसोसिएशन, जिसके अध्यक्ष शहरी विकास मंत्री सुधीर शर्मा हैं, के अथक प्रयासों एवं प्रदेश सरकार के सहयोग से घाटी के सौंदर्यीकरण टेक आफ साइट बिलिंग लैडिंग स्थल क्योर एवं बीड़ से बिलिंग पर के चौदह किलोमीटर लंबे रास्ते पर पर्यटकों की सुविधा हेतु रेनशेल्टर बैठने की उचित व्यवस्था के प्रबंध एवं तिब्बेतन कालोनी चौगान के क्योर तक के रास्ते को चौड़ा करने का कार्य युद्ध स्तर पर जारी है।

लैडिंग स्थल क्योर में पीने के पानी के लिए हैंडपंप लग चुका है। वहीं बिलिंग में भी मीलों दूर से औषधीयुक्त ठंडा पानी पहुंचाया जा चुका है

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