Site icon In Himachal | इन हिमाचल : In Himachal delivers the latest news, insightful views, and policy analysis in Himachal Pradesh. Join our platform to stay informed and hold politicians and officials accountable as a vigilant civilian watchdog.

अगले चुनावों में धूमल नहीं, नड्डा करेंगे बीजेपी का नेतृत्व!

नई दिल्ली।।
राज्यों के लिए तय किए गए नए फॉर्म्युले के तहत हिमाचल प्रदेश बीजेपी में बड़ा फेरबदल हो सकता है। ‘बुजुर्ग’ प्रेम कुमार धूमल की जगह जगत प्रकाश नड्डा 2017 में होने वाले विधानसभा के अगले चुनावों में प्रदेश बीजेपी का नेतृत्व कर सकते हैं।

लोकसभा चुनाव में मोदी, शाह और राजनाथ सिंह की जुगलबंदी के फॉर्म्युले पर लड़ी बीजेपी ने इतिहास बना दिया। अब पार्टी चाहती है कि संगठन में जो नया उत्साह और नई जान आई है, उसे बरकरार रखा जाए। ‘इन हिमाचल’ को बीजेपी सूत्रों से जानकारी मिली है कि पार्टी के थिंक टैंक एक ऐसा फॉर्म्युला लेकर आए हैं, जिसकी मदद से पूरे देश में संगठन को मजबूत करने की मुहिम चलाई जाएगी।

नड्डा के बढ़ते कद से धूमल चिंतित थे। पार्टी में कोई विवाद न हो, इसलिए नड्डा को पार्टी ने केंद्र की राजनीति में बुला लिया था

दरअसल टीम मोदी ने एनालिसिस करके निचोड़ निकाला है कि बीजेपी की अभूतपूर्व जीत में युवा वर्ग की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। नई पीढ़ी की राजनीति में बनी इस दिलचस्पी को बीजेपी भुनाना चाहती है। वह इस कोशिश में है कि जिस फॉर्म्यूले की मदद से नरेंद्र मोदी ने लगातार तीन बार गुजरात में सरकार बनाई थी, उसी फॉर्म्यूले को दूसरे राज्यों में भी लागू किया जाए।

जानिए, क्या है यह गुजरात फॉर्म्यूला:

1. राज्य के चुनावों में बीजेपी का नेता या सीएम कैंडिडेट उसी को घोषित किया जाएगा, जिसकी उम्र 70 साल से कम होगी।

2. 70 साल से ऊपर के नेताओं के बजाय युवा नेताओं को टिकट देते वक्त प्राथमिकता दी जाएगी।

3. 70 साल की उम्र पार कर चुके नेताओं को राज्य में सलाहकार की भूमिका दी जाएगी। इस कैटिगरी में आने वाले पूर्व मुख्यमंत्रियों या तो राज्यपाल बनाया जाएगा या राज्यसभा भेजा जाएगा।

4. प्रदेश में पार्टी अध्यक्ष की जिम्मेदारी 60 साल के करीब के अनुभवी नेता को दी जाएगी।

5. आरोपों से घिरे नेता के नेतृत्व में चुनाव नहीं लड़ा जाएगा। इससे चुनाव के समय संगठन का मनोबल टूटता है और जनता में मेसेज भी गलत जाता है।

6. करप्शन करने वाले, खराब छवि वाले या अन्य किसी मामले में घिरे विधायक का टिकट काट दिया जाएगा।

7. किसी भी विवादास्पद शख्स को टिकट नहीं दिया जाएगा।

इन 7 सूत्रों में उन विधायकों और मुख्यमंत्रियों को छूट मिलेगी, जिनकी छवि अच्छी है और जो लगातार जीतते आ रहे हैं।

अब इस फॉर्म्युले के हिसाब से हिमाचल प्रदेश की राजनीति की बात करें तो पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल 2017 तक 74 साल के हो जाएंगे। दूसरी बात यह है कि वह प्रदेश में बीजेपी को रिपीट करवाने में कभी कामयाब नहीं रहे।  पिछला विधानसभा चुनाव हो या लोकसभा चुनाव, बीजेपी संगठन की पूरी ताकत धूमल परिवार पर लगे आरोपों का बचाव करने में ही चली गई।

In Himachal को फेसबुक पर Like करें

ऊपर के फॉर्म्युले को लागू किया गया तो धूमल का हटना तय है। उनके बाद हिमाचल में बीजेपी के बड़े और स्थापित नेता की बात की जाए तो वह जे.पी. नड्डा हैं। ऐसे में 2017 में प्रदेश में पार्टी की कमान का नड्डा को सौंपा जाना लगभग तय लग रहा है।  पार्टी ऐसा करना इसलिए भी जरूरी समझती है, ताकि प्रदेश बीजेपी को एक यंग नेता मिले और पार्टी को कांग्रेस की तरह नेतृत्व संकट का सामना न करना पड़े। गौरतलब है कि प्रदेश में कांग्रेस में वीरभद्र के बाद दूसरी कतार के नेता आपस में उलझे पड़े हैं। कांग्रेस को डर है कि वीरभद्र के बाद कहीं पार्टी बिखर न जाए।

लोकसभा चुनाव के दौरान नड्डा की नेतृत्व और संगठन क्षमता से प्रभावित नरेंद्र मोदी उन्हें महत्वपूर्ण भूमिका देना चाहते थे। उन्हें मंत्री पद की पेशकश भी की गईx थी, लेकिन नड्डा ने कहा कि वह संगठन में रहना पसंद करेंगे। गौरतलब है कि बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद के लिए भी नड्डा के नाम की चर्चा थी, मगर आखिरी पलों में मोदी के करीबी अमित शाह को यह पद मिला। ऐसे में मोदी इस बात की क्षतिपूर्ति के लिए धूमल के बाद नड्डा को आगे बढ़ाना पसंद करेंगे।

बीजेपी के फॉर्म्युले के हिसाब से अगर धूमल की जगह नड्डा लेते हैं, तो हिमाचल विधानसभा चुनाव से पहले प्रफेसर धूमल को राज्यपाल बनाया जा सकता है। वहीं अनुराग ठाकुर को केंद्र में मंत्री पद दिए जाने की बात तय लग रही है। मोदी नहीं चाहते कि अनुराग हिमाचल की राजनीति में जाएं और पार्टी पर परिवारवाद का आरोप लगे। इसके बजाय वह अनुराग को राष्ट्रीय राजनीति के भविष्य के रूप में तैयार करना चाहेंगे। इसके लिए अनुराग को केंद्र में मंत्री बनाया जाना तय लग रहा है।

Exit mobile version