लेख: शव के अपमान पर अफसरों और नेताओं से दो टूक

अवर्ण दीपक।। अगर तमाम मोटी किताबें, फर्राटेदार अंग्रेज़ी और महंगी तरबीयत आपको इंसानियत की इतनी सी इज़्ज़त करना नहीं सिखा सकता तो अच्छा ही होगा कि अपनी औलादों को डीसी, मेजिस्ट्रेट बनने की सपने ना देकर एक कुशल किसान ही बनाएं जो घर-गांव में अपने दुश्मन के घर हुई मौत को भी इससे बेहतर सम्मान … Continue reading लेख: शव के अपमान पर अफसरों और नेताओं से दो टूक