मंकीपॉक्स: क्या है अमेरिका और 9 यूरोपीय देशों में फैली ये बीमारी

Image: WHO

इन हिमाचल डेस्क।। दुनिया के 12 देशों में मंकीपॉक्स के 80 से ज्यादा मामले सामने आने की पुष्टि हुई है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि इसके अलावा अभी और 50 मामलों की जांच की जा रही है। ये मामले किन देशों के हैं, इसकी जानकारी अभी सार्वजनिक नहीं की गई है। हालांकि, WHO ने चेताया है कि अभी और मामले सामने आ सकते हैं।

अभी तक नौ यूरोपीय देशों, अमेरिका, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया में मंकीपॉक्स का संक्रमण मिलने की पुष्टि हो चुकी है।

क्या है मंकीपॉक्स
मंकीपॉक्स एक वायरल संक्रमण है जो अफ्रीका के कई देशों में लोगों को संक्रमित करता रहता है। मध्य और पश्चिमी अफ्रीका के सुदूर इलाकों में इसके मामले सामने आते रहे हैं। माना जाता है कि इससे संक्रमित होने वाले लोगों में मध्यम से लक्षण दिखते हैं और कुछ हफ्तों में वे ठीक हो जाते हैं।

1958 में शोध के लिए रखे गए बंदरों में पॉक्स जैसे लक्षण पाए जाने के बाद इस बीमारी के लिए जिम्मेदार वायरस की पहचान हुई थी, इसलिए इसका नाम मंकीपॉक्स पड़ गया।

यह वायरस उतना अधिक संक्रामक नहीं है कि बड़ी आबादी को अपनी चपेट में ले सके। मंकीपॉक्स से संक्रमित व्यक्ति के शरीर के द्रव्यों, जैसे कि लार या खांसने पर उड़ने वाले छींटों के संपर्क में आने से स्वस्थ व्यक्ति संक्रमित हो सकता है।

हालांकि, मंकीपॉक्स के लिए कोई वैक्सीन उपलब्ध नहीं है। फिर भी यह देखा गया है कि स्मॉलपॉक्स के टीका लगाने पर इस बीमारी से 85 प्रतिशत तक सुरक्षा मिल जाती है क्योंकि दोनों बीमारियों के वायरस काफी हद तक मिलते जुलते हैं।

WHO ने चेताया है कि इस संक्रमण को लेकर डर का माहौल बनाने से बचना चाहिए क्योंकि इससे संक्रमित लोग सामने आने से बचेंगे और दूसरों में संक्रमण फैलाते रहेंगे।

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