‘वीरभद्र को बंदर कहने’ से लेकर ‘जयराम की अनदेखी’ तक, अनुराग ने क्या सीखा?

आई.एस. ठाकुर।। साल 2012 में हिमाचल प्रदेश विधानसभा के चुनाव हो रहे थे। प्रेम कुमार धूमल चाह रहे थे कि सरकार को रिपीट करवाया जाए। धूमल और सरकार में बैठे अन्य को लगता था कि इस बार सरकार रिपीट हो ही जाएगी। एक तो सरकार को यक़ीन था कि उसने अच्छा काम किया है, फिर … Continue reading ‘वीरभद्र को बंदर कहने’ से लेकर ‘जयराम की अनदेखी’ तक, अनुराग ने क्या सीखा?