तो क्या बीजेपी तय कर चुकी है अपना सीएम, बस घोषणा नहीं की?

शिमला।। हिमाचल प्रदेश में बीजेपी अभी भले ही बिना सीएम कैंडिडेट घोषित किए चुनावी रण में उतरी है, मगर पार्टी हाईकमान यह तय कर चुका है कि सरकार बन जाने की स्थिति में सीएम कौन होगा। बीजेपी बस एक रणनीति के तहत अभी इसका ऐलान नहीं कर रही। ये संकेत किसी और ने नहीं, बल्कि बीजेपी के ही एक बड़े नेता ने दिए हैं।

 

ये कयास तो बहुत पहले से लगाए जा रहे थे कि अन्य राज्यों की ही तरह हिमाचल प्रदेश में भी भारतीय जनता पार्टी बिना किसी चेहरे के चुनाव लड़ेगी। फर्क इतना है कि अन्य राज्यों में जहां उसने पीएम मोदी के नाम पर चुनाव लड़ा था, हिमाचल में उसका फोकस पीएम के नाम पर चनाव लड़ने का नहीं बल्कि लोकल लेवल के मुद्दों पर रहेगा।

मोदी को आगे क्यों नहीं किया जा रहा?
ऐसा इसलिए भी है क्योंकि हिमाचल प्रदेश में चुनाव अन्य राज्यों के चुनाव से अलग होते हैं। 2010 कॉमनवेल्थ गेम्स के बाद से ही जब पूरे देश में भ्रष्टाचार को लेकर एक कांग्रेस विरोधी लहर पैदा हो गई थी, उस वक्त कई राज्यों में कांग्रेस को नुकसान उठाना पड़ रहा था। मगर 2012 में वीरभद्र सिंह के नेतृत्व में हिमाचल में कांग्रेस को सरकार बनाने में कामयाबी मिली थी। वह भी तब, जब वीरभद्र को करप्शन के आरोपों केे चलते केंद्रीय मंत्रिमंडल से हटना पड़ा था।

नया चेहरा देना चाहती है बीजेपी
ऐसे में बीजेपी जानती है कि यहां पर लोकल समीकरण हावी रहते हैं, इसलिए पीएम मोदी के नाम पर चुनाव लड़ना घाटे का सौदा साबित हो सकता है और खासकर नोटबंदी और जीएसटी को लेकर पनपी नाराजगी के बाद। बीजेपी यह संदेश भी देना चाहती थी कि हम नया नेतृत्व देंगे, मगर यह भी नहीं चाहती थी कि पुराना नेतृत्व नाराज होकर पार्टी को नुकसान पहुंचाए। इसलिए पार्टी ने बीच का रास्ता अपनाते हुए किसी को भी सीएम कैंडिडेट नहीं बनाया। यानी वह बिना कहे जताना चाहती है कि उसके मन में क्या है, मगर सब स्पष्ट भी नहीं करना चाहती।

यह है राजनीतिक पंडितों की राय
राजनीतिक पंडित मानते हैं कि अगर बीजेपी को पुराना ही नेतृत्व देना होता तो वह पहले ही घोषणा कर देती। मगर वह जानती है कि प्रदेश में इस बार जनता नया चेहरा देखना चाहती है, इसलिए ऐसा रिस्क नहीं उठाना चाहती, जिससे सीधा फायदा कांग्रेस को मिले। हालांकि एक अनुमान यह भी है कि अगर बिना सीएम कैंडिडेट घोषित किए बीजेपी का प्रचार अभियान पेस नहीं पकड़ता है तो वह हालात का आकलन करके चेहरे का ऐलान कर सकती है।

केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा का बयान
पार्टी ने तय कर लिया है कि चुनाव जीतने पर मुख्यमंत्री कौन होगा। और यह माना जा सकता है कि मुख्यमंत्री का पद इस बार नए चेहरे को ही मिलेगा। दरअसल एक खबर के मुताबिक स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा कहा है कि बीजेपी में सीएम पद को लेकर कोई विवाद नहीं है। यह बीजेपी संसदीय बोर्ड की बैठक में तय हो गया है। कब क्या घोषणा करनी है, यह एक रणनीति का हिस्सा है।

ऐसे में संकेत स्पष्ट हैं कि बीजेपी नया चेहरा देने की तैयारी में हैं। मगर वह नया चेहरा कौन होगा, इसे लेकर कयासों का दौर नतीजे आने तक जारी रहेगा।

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