लेख: हर विभाग के हर दफ्तर में लगे CCTV कैमरा, सुधर जाएंगी सेवाएं

राजेश वर्मा।। शिक्षा की बेहतरी व गुणवत्ता के दृष्टिकोण से सरकार व विभाग द्वारा बोर्ड परिक्षाओं में नकल रोकने के लिए प्रदेश के स्कूलों में सीसीटीवी कैमरे लगवाना स्वागत योग्य निर्णय है। कोई कुछ भी कहे लेकिन शिक्षा की बेहतरी के लिए शिक्षक समाज व ज्यादातर लोग इस निर्णय का स्वागत कर रहे हैं। मैं इससे आगे जाकर कहूंगा की भविष्य में विद्यालय के प्रत्येक क्लासरूम में भी सीसीटीवी स्थापित किए जाएं। इससे जहां शिक्षा की गुणवत्ता उपर उठेगी, वहीं विद्यालयों में यदा कदा छात्राओं से दुर्व्यवहार की जो घटनाएं घटित होती हैं, उन पर भी काफी हद तक अंकुश लगेगा।

इसी तरह मन में एक सवाल उठता है की बहुत से विभाग ऐसे हैं जहां इन सीसीटीवी कैमरों की आज से नहीं बल्कि पिछले काफी वर्षों से जरूरत महसूस की जा रही है। तहसील कार्यालयों की ही बात करें तो इनमें भी सीसीटीवी कैमरे लगने चाहिए, जहां या तो “आज बाबू जी आए नहीं” कह कर टरका दिया जाता है या आए दिन” रिश्वत कांड में फंसे “जैसी खबरें देखने सुनने को मिल जाती हैं। यही सीसीटीवी हर एसडीएम आफिस में भी लगने चाहिए।

राजस्व विभाग
कई बार यह भी सामने आया की लाईसेंस बनाने के लिए भी कैसे कैसे हथकंडे अपनाए जाते हैं। प्रदेश में सबसे चर्चित खबरें राजस्व विभाग की रहती हैं। आए दिन प्रदेश के किसी न किसी कोने में पटवारी या कानूनगो को रंगे हाथों रिश्वत लेते पकड़े जाने की खबर छपती ही रहती है। हर पटवार खाने में सीसीटीवी लगने चाहिए एक नकल तक की कॉपी लेने के लिए रिश्वत की मांग जब सुर्खी बनती है तो अपने ही विभाग का इमानदार कर्मचारी भी खुद को लज्जित महसूस करने लग जाता है।

बिजली विभाग हो, लोकनिर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) हो या आईपीएच विभाग हो, कर्मचारियों व अधिकारियों द्वारा बहुत बार ठेकेदार या आम लोगों से काम के बदले रिश्वत लेने की मांग या दबाव जैसी खबरें भी इन विभागों की कार्यप्रणाली पर प्रश्न चिन्ह खड़ा करती है। इन विभागों में तो हर हाल में सीसीटीवी लगने चाहिए।

अस्पतालों में भी
अब बात करें उस विभाग की जिसके बिना मानों जिंदगी ठहर सी जाती है वह है स्वास्थ्य विभाग। बहुत बार शिकायतें मिलती हैं की डॉक्टर जी अपने कैबिन में नहीं। यह जरूरी नहीं कि कोई भी डॉक्टर जानबूझकर अस्पताल में आकर भी ड्यूटी से नदारद रहे लेकिन यदि अच्छाई है तो बुराई भी वहाँ जरूर होगी भले ही कम हो। मरीज बाहर इंतजार करते रहते हैं, लेकिन मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव व कुछेक चिकित्सक अंदर बैठे घंटों तक बतियाते रहते हैं। हालांकि सरकार व विभाग ने इसके लिए दिशा-निर्देश भी जारी किए हैं लेकिन फिर भी कुछेक नहीं मानते। हर अस्पताल में सीसीटीवी लगे।

थानों में तो और भी जरूरी
जब हम बेहतरी की बात करते हैं तो बेहतरी हर क्षेत्र में होनी चाहिए हर तरफ़ होनी चाहिए। समाज से जुड़े हर विभाग की जबावदेही तय करनी होगी तभी हम बेहतर सेवाएं दे व ले पाएंगे। पुलिस एक ऐसा विभाग है जो बना तो लोगों की सेवा व सुरक्षा के लिए है लेकिन कई बार विभाग के कुछेक कर्मचारियों की करनी से अन्य सभी की साख को बट्टा लगता है। लोग पूरा पूरा दिन बैठे रहते हैं परंतु एफआईआर तक नहीं लिखी जाती या आमजन से दुर्व्यवहार आदि जैसे आरोप भी लगते हैं। लेकिन प्रमाण न होने से आम इंसान खुद को लाचार महसूस करता है। उसे लगता है वह आया तो न्याय पाने के लिए है लेकिन यहां तो और अन्याय हो रहा है प्रत्येक थाने व पुलिस चौकी आदि में भी सीसीटीवी लगने ही चाहिए।

समर्थन करें कर्मचारी
हर विभाग में सीसीटीवी लगे हर कार्यालय में सीसीटीवी लगने चाहिए। इनका समर्थन केवल आम प्रदेश वासी को ही नहीं बल्कि हर विभाग के कर्मचारी को करना चाहिए ताकि किसी को यह न लगे की कर्मचारी तो इस बात का विरोध खुद की कमियों को छुपाने के लिए करते हैं। इससे न केवल जनसेवाओं में सुधार आएगा बल्कि कर्मचारी हित के लिए भी यह जरूरी हैं, क्योंकि कई बार आम नागरिकों द्वारा कर्मचारियों से दुर्व्यवहार, हाथापाई व हमलों जैसी घटनाएं भी सामने आती है। इसलिए तकनीक के इस युग में समाजिक बेहतरी के लिए तकनीक का लाभ उठाया जाना चाहिए।

कर्मचारियों को तो आगे बढ़कर इसकी मांग व स्वागत करना चाहिए ताकि ऐसा संदेश न जाए की सब कर्मचारी केवल कुर्सी तोड़ते है डक्का नहीं तोड़ते। डिजिटल इंडिया के सपने को साकार करने व भ्रष्टाचार पर रोक थाम के लिए यह कदम जरूरी है।

(स्वतंत्र लेखक राजेश वर्मा बलद्वाड़ा, मंडी के रहने वाले हैं और उनसे 7018329898 पर संपर्क किया जा सकता है।)

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