जांच की आंच के बीच धूमल -वीरभद्र की एकांत गुफ्तगू

  • सुरेश चंबियाल
रोज एक दूसरे के खिलाफ कीचड उछालने की राजनीति के बीच कल अलग ही समीकरण देखने को मिले।  पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल अचानक मुख्यमंत्री से मिलने उनके सरकारी आवास ओक ओवर पहुंचे। गौरतलब है की दोनों नेताओं के बीच करीब एक घंटे तक बंद कमरे में चर्चा हुई।  हैरानी की बात यह है की वीरभद्र सिंह से मिलने वालों की लिस्ट में धूमल का नाम उस दिन नहीं था वो अकेले ओक ओवर आये उनके साथ सिर्फ पर्सनल स्टाफ मौजूद था।  बंद कमरे में हुयी गुफ्तगू में भी कोई अफसर या स्टाफ शामिल नहीं था।
दोनों और से तेज है जांच 
  वीरभद्र सिंह अपने ऊपर इ  डी एवं सी बी आई की रेड के लिए धूमल परिवार पर आरोप लगाते रहे रहे हैं उनका कहना है की अनुराग की जेटली से नजदीकियों के कारण उन पर बदले की कार्रवाई के तहत कार्य हो रहा है।  वहीँ मुख्यमंत्री यह भी कह चुके हैं की धूमल परिवार की सम्पत्तियों की जानकारी जुटाने के लिए प्रदेश विजिलेंस उन्हें 6 महीने में रिपोर्ट देगी।  बाकायदा धूमल परिवार की सम्पतियों की  जानकारी के लिए सी आई डी ने पंजाब सरकार को भी पत्र लिखा है।  वीरभद्र अक्सर कहते हैं की धूमल परिवार की प्रदेश से बाहर विदेशों तक सम्पतिया हैं।
मुलकात के बाद दोनों नेताओं का चित्र
क्या लग रहे हैं क्यास 
इस मुलाक़ात के बाद राजनैतिक तौर पर लोग अलग अलग क्यास लगा रहे हैं। कुछ लोगों का सोचना है की रोज रोज की बयानबाज़ी को लगाम देने के लिए धूमल ने खुद अपनी ओर से पहल की है वहीँ , कुछ लोगो का मानना है ये आपसी सांठगांठ के लिए भी एक प्लेटफार्म हो सकता है।  गौरतलब है की वीरभद्र मामले मे अब तक शांत रहे केंद्रीय मंत्री जे पी नड्डा ने भी अचानक मुख्यमंत्री से तल्ख़ शब्दों में इस्तीफा माँगा है।  जिसे वीरभद्र सिंह ने भी उनके मुख्यमंत्री बनने के सपने से जुड़ा ब्यान बताया था।  धूमल के साथ प्रदेश में इस बार नड्डा  भी मुख्यमंत्री की रेस  में हैं।  मोदी सरकार साफ़ छवि को तवज्जो देती हुयी आ रही है।   जांच से चाहे कुछ भी निकल कर न आये परन्तु कोट कचरी के चक्क्रों में फंसकर धूमल भी नहीं चाहेंगे की जांच से उनकी प्रतिष्ठा को कोई  आंच भविष्ये में आये। हालाँकि इन सब कयासों के बीच यह भी प्रबल सम्भावना है की दोनों नेता विधानसभा में गतिरोध दूर करने के लिए मिले हों।
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