कार्यकर्ता पर बुरी तरह से भड़के वीरभद्र सिंह, मंच से ही सुनाने लगे खरी-खोटी

बद्दी।। मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह इतने चिड़चिड़े हो गए हैं कि छोटी-छोटी बातों पर भड़क रहे हैं। रविवार को बद्दी में एक कार्यकर्ता की बात उन्हें इतना गुस्सा आ गया कि उन्होंने उसे स्टेज से डपट दिया और फिर नाराज होकर बैठ गए। यही नहीं, लोगों में यह चर्चा छाई रही कि मुख्यमंत्री वीरभद्र की भाषा अब अहसान जताने वाली हो गई है।

दरअसल ग्राम पंचायत भटौलीकलां के हनुमान मंदिर झाड़माजरी में आयोजित जनसभा में एक घटना हुई। ‘पंजाब केसरी’ के मुताबिक जनसभा में सबसे आगे बैठे एक कार्यकर्ता ने कुछ कहा। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक इस कार्यकर्ता ने कहा था, ‘बद्दी को भी कुछ दे दो।’ इस बात से वीरभद्र भड़क गए और बोले कि बद्दी में जो विकास हो रहा है, वह आपको नजर नहीं आ रहा है क्या? बद्दी में सब कुछ हो गया है। आप के शब्दों से ऐसा लग रहा है कि यहां कुछ हुआ ही नहीं है।

वहीं ‘हिमाचल अभी-अभी’ की रिपोर्ट के मुताबिक इसके बाद मुख्यमंत्री ने कहा, ‘हिमाचल प्रदेश कृतज्ञ लोगों का प्रदेश है। पहाड़ के लोगों को कोई अगर ठंडा पानी भी पिला दे तो भी उसका अहसान पूरी जिंदगी माना जाता है। मगर कुछ लोग ऐसे होते हैं कि उनका पेट भरते जाओ, तब भी डकार नहीं मारते।’

आगे उन्होंने कहा, ‘बद्दी को एक कॉलेज, दर्जनों नए स्कूल, करोड़ों रुपये की पेयजल योजनाएं, बीबीएन व अन्य माध्यम से करोड़ों रुपए की सड़कें व टूल रूम समेत इतना कुछ दिया और आप लोग कहते हैं कि बद्दी को कुछ भी नहीं दिया? मैं वही करता हूं, जो मेरी आत्मा मुझे बोलती है। वीरभद्र जो कहता है, वह पत्थर की लकीर होती है।’

File photo

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मुख्यमंत्री का गुस्सा फिर भी कम नहीं हुआ। उन्होंने दून के विधायक राम कुमार चौधरी की मांगों पर कोई ऐलान न करते हुए यह कहा कि मैं देखूंगा कि सरकारी खजाने में इसके लिए धन है या नहीं। आखिर में मुख्यमंत्री ने जाते-जाते जनसभा में बैठे उस शख्स की तरफ उंगली से इशारा करते हुए कहा, ‘मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ऐसा सुनने का आदी नहीं है। भविष्य में जो भी बोलो, वह तोल कर बोलो।’ इसके बाद जनसभा में सन्नाटा छा गया और सीएम दोबारा मंच पर बैठ गए।

चर्चा छाई रही कि मुख्यमंत्री अहसान जताने की भाषा बोल रहे थे, जबकि वह प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं और वह जो कुछ भी देते हैं, सरकार की तरफ से देते हैं, न कि अपनी जेब से कि उनका अहसानमंद हुआ जाए और इलाके के लिए कोई मांग भी न की जाए। लोग जनसभा के बाद इस बारे में बात करते नजर आए कि वीरभद्र अब पहले जैसे नेता नहीं रहे।

गौरतलब है कि प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान भी मुख्यमंत्री भड़क गए थे। सड़कों की खराब हालत को लेकर पत्रकारों के सवाल पर चिढ़कर उन्होंने कह था कि मुझे तो सब ठीक दिखाई देता है, कहां सड़कें खराब हैं। इससे पहले भी वह मंच से पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों की निष्ठा पर शक जताने से लेकर एक शिलान्यास कार्यक्रम के दौरान पंडित के हाथ से ईंट छीनने को लेकर चर्चा में रहे हैं। उनके छोटी-छोटी बातों पर भड़क जाने से अधिकारियों मे भी नाराजगी देखी जा रही है। गौरतलब है कि आय से अधिक संपत्ति मामले में सीबीआई और ईडी ने मुख्यमंत्री को बुरी तरह घेरा है। चर्चा है कि इसी तनाव में वह चिड़चिड़े हो गए हैं।

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