हिम्मत और प्रतिभा की धनी हिमाचल के सिरमौर की बेटी सुशीला ठाकुर

एमबीएम न्यूज नेटवर्क, नाहन।। आज हम आपको एक ऐसी शख्सियत से मिलवाने जा रहे हैं जो पूरे समाज के लिए मिसाल हैं। यह हैं हरिपुरधार के गैहल से संबंध रखने वालीं सुशीला ठाकुर जो टीचर भी हैं और सफल ट्रांसपोर्टर भी।

सुशीला के पति सुरजन ठाकुर ने दस बसों से मीनू कोच का परिचालन किया था, मगर दुर्भाग्य से साल 2003 में एक कार दुर्घटना में उनका निधन हो गया। सुशीला ठाकुर ने न सिर्फ परिवार को संभावा बल्कि पति के कारोबार को भी बढ़ाया। आज मीनू कोच की बसों का बेड़ा 22 तक पहुंच गया है। मीनू कोच बस सेवा आज प्रदेश के कई हिस्सों में चल रही है।

सुशीला ठाकुर (Image: MBM News Network)
सुशीला ठाकुर (Image: MBM News Network)

सुशीला लगभग 40 स्टाफ की जिम्मेदारी संभालती हैं और वह भी अध्यापन कार्य के साथ। तीन बच्चों की परवरिश भी बखूबी कर रही हैं। एक बेटी बायोटेक की पढ़ाई कर रही दूसरी इंग्लिश ऑनर्स। बेटा प्लस टू में है। उनका पूरा परिवार शिमला सेटल है।

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एमबीएम न्यूज़ नेटवर्क से बातचीत करते हुए सुशील ने बताया कि पति के व्यवसाय को संभालना के चुनौती भरा काम था मर स्टाफ की मदद से इसमें कामयाबी मिली। सुशीला का कहना है कि उनकी बसों से यात्रियों को अच्छी सेवा मिले, इसकी हर संभव कोशिश की जाती है।

सुशीला मिसाल हैं कि कैसे विपरीत परिस्थितियों में भी संघर्ष करके आगे बढ़ा जा सकता है। जीवन में आने वाली कठिनाइयों और झटकों से उबरकर दृढ़ निश्चय से ही आगे बढ़ा जा सकता है। सुशीला तमाम महिलाओं के लिए भी प्रेरणास्रोत हैं। उनसे सीखने को मिलता है कि महिलाएं किसी भी काम को बखूबी कर सकती हैं और कामयाबी के साथ कर सकती हैं।

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