IGMC में मिनरल वॉटर की बोतलें बेचने पर लगाई गई रोक

शिमला।। प्रदेश की राजधानी के बड़े अस्पताल आई.जी.एम.सी. में अब बॉटल्ड वॉटर की बिक्री पर रोक लगा दी गई है। प्रशासन ने कैंटीन चलाने वालों और दुकानदारों को निर्देश दिया है कि वे मिनरल वॉटर न बेचें। इस फैसले के पीछे प्रशासन ने वजह बताई है कि हाल ही में मुख्यमंत्री ने यहां वॉटर एटीएम का उद्घाटन किया है जिससे मरीजों और तीमारदारों को साफ पानी मिल रहा है।

यह हास्यास्पद फैसला है क्योंकि अगर कोई व्यक्ति सफाई न होने के कारण या किसी और वजह से वॉटर एटीएम से पानी नहीं लेना चाहता और वह बोतलबंद पानी ही खरीदना चाहता है तो उसे ऐसा करने से रोकने का अधिकार किसी को नहीं है। अगर कोई सक्षम है तो वह पैसे देकर अपनी मर्जी से बोतलबंद पानी खरीदेगा। जिसके पास इतने पैसे नहीं होंगे, वह अपने आप वॉटर एटीएम से पानी ले लेगा।

लेकिन खबर आई है कि प्रशासन ने दुकानदारों और कैंटीन वालों को कहा है कि मिनरल वॉटर का जो स्टॉक बचा हुआ है, उसे बेचकर दोबारा से स्टॉक न मंगवाए। अगर दोबारा स्टॉक मंगवाया गया तो प्रशासन सख्त कार्रवाई करेगा।

आईजीएमसी प्रशासन का यह भी कहना है कि वह अस्पताल को प्लास्टिक फ्री बनाने में जुटा हुआ है। लेकिन अस्पताल में क्या प्लास्टिक की अन्य चीजें इस्तेमाल नहीं होतीं? शहर में क्या प्लास्टिक बैन है? समस्या प्लास्टिक में नहीं, प्लास्टिक के सही निपटारे की है। फिर वह पानी की बोतलों का हो या किसी और चीज का।

प्रशासन का कहना है कि अब मरीजों को साफ पानी अस्पताल में वॉटर एटीएम में मुहैया करवाया गया है। मरीजों व तीमारदारों को बाहर से पानी खरीदने की कोई जरूरत नहीं है। अगर मरीज वाटर एटीएम से साफ पानी खरीदता है तो उनके पैसे भी बच जाएंगे।

 

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