ज़ख़्मी पिता को लेकर सरकारी अस्पतालों के ‘रेफर गेम’ में फंसे शख्स की आपबीती

कांगड़ा।। हिमाचल प्रदेश के अस्पतालों में डॉक्टरों और सुविधाओं के अभाव की कहानी नई नहीं है। अक्सर एक अस्पताल से बड़े अस्पताल में रेफर किया जाता है और समय पर सही इलाज न मिलने से कई बार मरीज़, खासकर ज़ख़्मी लोग दम तोड़ देते हैं। अफसोस, बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने का वादा कर सत्ता में आई बीजेपी की सरकार को एक साल पूरा होने वाला है मगर अभी तक हालत में सुधार नहीं हुआ।

बैजनाथ के एक निवासी ने आपबीती शेयर की है। इसे पढ़कर आप यही दुआ कर सकते हैं कि आप कभी इस तरह के हालात में न फंसें। संजीव ठाकुर मंडयाल ने फेसबुक पर लिखा है-

“यह मेरे पापा हैं जो पिछले कल पहाड़ी से पांव फिसलने की वजह से गिर गए थे हम इन्हें लेकर बैजनाथ के एक सरकारी अस्पताल में गए जब हम वहां पहुंचे तो काफी देर तक अस्पताल के स्टाफ ने बात तक नहीं की काफी देर बाद उन्होंने फर्स्ट एड दीया, सुविधाएं प्राप्त ना होने के कारण उन्हें पालमपुर के सरकारी अस्पताल में रेफर कर दिया.”

“वहां पर उनका सिटी स्कैन किया गया और टांके लगाएं, उसके बाद यह कहकर टांडा अस्पताल रेफर कर दिया कि हमारे पास पूरी सुविधाएं नहीं है, जब हम पापा को लेकर टांडा अस्पताल गए तो वहां पर उन्होंने दोबारा से सीटी स्कैन, एक्स-रे बगैरा करवाया, वहां से भी स्टाफ ने यह कहा कि हमारे पास प्राप्त डॉक्टर नहीं है इसलिए आप इन्हें चंडीगढ़ या आईजीएमसी ले जाएं.”

“एक ही सवाल है इन नेताओं से अगर समय पड़ने पर इस तरह की स्वास्थ्य सुविधाएं हमें नहीं मिल पाएगी तो हमारे आप लोगों को वोट देने टैक्स देने का क्या फायदा, मैं पिछले 2 दिनों से किस मनोदशा से गुजरा हूं यह सिर्फ मैं ही जानता हूं या मेरा परिवार जानता है, बहुत सारे मरीज और घायल लोग इसी तरह सुविधाओं के अभाव में मारे जाते हैं आखिर इसके लिए जिम्मेदार कौन है? आप लोगों से सिर्फ इतनी विनती है कि इस पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें”

संजीव की पोस्ट पर जाने के लिए यहां क्लिक करें

SHARE