हिमाचल प्रदेश सरकार के 2019 के कैलंडर में जनता के साथ ‘धोखा’

इन हिमाचल डेस्क।। साल 2019 के लिए हिमाचल प्रदेश सरकार का आधिकारिक कैलंडर जारी हो गया है और सोशल मीडिया पर इसकी तस्वीरें जमकर शेयर हो रही हैं। जहां इस कैलंडर इस बात के लिए तारीफ हो रही है कि इसमें मुख्यमंत्री के बजाय किसी जगह की तस्वीर लगाई गई है, वहीं एक बात को लेकर यह कैलंडर विवादों में घिर गया है।

दरअसल पहले राज्य सरकार के कैलंडर पर मुख्यमंत्रियों की तस्वीर छपी होती थी। इस बार जहां मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के गृहक्षेत्र जुंजैहली की तस्वीर इसमें लगाई गई है। इरादा रहा होगा टूरिजम को प्रमोट करने का मगर हकीकत यह है कि यह तस्वीर भ्रामक है। यहां तक जुंजैहली के स्थानीय निवासी भी इस तस्वीर को देखकर हैरान हैं।

सरकारी कैलंडर में छपी तस्वीर

दरअसल कैलंडर में जो तस्वीर छपी है, वह कई साल पुरानी है। अब जुंजैहली की तस्वीर बदल गई है। खेतों के बीच और सड़क के किनारे कई मकान बन चुके हैं। जाहिर है, इससे घाटी का सौंदर्य बरकरार है मगर लैंडस्केप तो बदला ही है। ऐसे में पहले जहां साफ-सुथरी तस्वीर में खेत और पहाड़ियां नजर आती थीं, अब सड़क किनारे ऊंची और रंग-बिरंगी इमारतें दिखती हैं। ऐसे में पुरानी तस्वीर लगाना जनता के साथ धोखा नहीं तो और क्या है।

नीचे देखें इसी ऐंगल से खींची गई ताज़ा तस्वीर

ताज़ा तस्वीर

यानी नहीं भी तो कैलंडर में लगाई गई तस्वीर 10-15 साल पुरानी है। हालांकि कुछ लोगों का दावा है 18-20 साल पुरानी तस्वीर है और कई अखबारों में छप चुकी है। लेकिन हिमाचल सरकार के कैलंडर में इस तस्वीर को लगाने को लेकर सोशल मीडिया पर सवाल उठ रहे हैं। लोगों का कहना है कि खुशामद के लिए किसी अधिकारी ने सीएम के इलाके की तस्वीर लगा दी और वह भी पुरानी।

यह सामान्य चूक नहीं है क्योंकि अगर इस तस्वीर का मकसद टूरिस्ट्स को आकर्षित करना है तो यह उनके साथ धोखा है। अगर कोई जुंजैहली घाटी की तस्वीर को कैलंडर पर देखकर यहां आ जाए तो उसके झटका लगेगा। अगर टूरिजम विभाग के पास टाइम मशीन हो तो बात अलग है। इसमें कोई शक नहीं कि जुंजैहली अब भी खूबसूरत है और टूरिस्टों को आकर्षित करने की क्षमता उसमें है। ऐसे में कोई और तस्वीर लगाई जा सकती थी।

बहरहाल, आप छुट्टियों और त्योहारों आदि की जानकारी के लिए ये लीजिए कैलंडर:

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