हिमाचल में पहली बार रोबॉटिक मशीन से लगाई जाएंगी कलमें

पालमपुर।। हिमाचल प्रदेश में बागवानी आदि को गति देने के लिए अब रोबॉटिस साइंस की मदद ली जा रही है। कृषि विश्वविद्यालय ने किसान समुदाय के लिए ग्राफ्टिंग मशीन स्थापित करने की तैयारी की है। यह देश में अपनी तरह का दूसरा रोबॉट बताया जा रहा है। इससे पहले इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ हॉर्टिकल्चर रिसर्च बेंगलरु में ही इस तरह से ग्राफ्टिंग (कलम लगाना) की जाती है।

इस रोबॉट की सहायता से विभिन्न सब्जी किस्मों की पौध की ग्राफ्टिंग कर मैटीरियल किसानों को उपलब्ध करवाया जाएगा। राज्य में पिछले कुछ वर्षों में सब्जी उत्पादन में कई गुना बढ़ौतरी हुई है तथा ऑफ सीजन सब्जी उत्पादन को लेकर हिमाचल एक अग्रणीय राज्य बन कर उभरा है, ऐसे में उच्च गुणवत्ता युक्त पौध की मांग भी बड़ी ही है। माना जा रहा है कि कम समय में अधिक पौध तैयार की जा सके इसी के दृष्टिगत रोबोट की सहायता ली जाएगी।

क्या है ग्राफ्टिंग
कलम बांधने की तकनीक ग्राफ्टिंग कहलाती। इस तकनीक में दो या दो से अधिक पौधों के कुछ हिस्सों को जोड़ा जाता है, जिससे कि वे एक ही पौधे के रूप में विकसित हों। कलम बांधने की प्रक्रिया में ऊपरी भाग में इस्तेमाल होने वाला भाग वंशज कलम के रूप में जाना जाता है और निचला हिस्सा जो कि जड़ प्रणाली को बनाता है, पालटी या रूट स्टॉक के रूप में जाना जाता है। कलम बांधने की प्रक्रिया को एक स्थापित पेड़ पर एक या एक से अधिक विभिन्न किस्मों को टॉप वर्किंग के माध्यम से स्थापित करने के लिए भी इस्तेमाल की जा सकती है। यह एक कठिन काम है और अभ्यास की बहुत आवश्यकता होती है, ऐसे में कृषि विश्वविद्यालय में आवश्यक सारे कार्य को रोबोट की सहायता से मूर्त रूप दिया जाएगा।

कृषि विश्वविद्यालय के सब्जी विज्ञान एवं पुष्प उत्पादन विभाग द्वारा ग्राफ्टिंग मशीन की स्थापना की जा रही है। इस विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफैसर अशोक सरयाल किसान समुदाय को 3 जुलाई को इस रोबोट का लोकार्पण करेंगे। दक्षिण कोरिया के इंजीनियर जर्मी एच.जे. पाक के सहयोग से सब्जी शोध फार्म में इस स्थापित किया गया है।

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