जल संकट पर शिमला नगर निगम के हाथ खड़े, अब सरकार ने बनाई ये योजना

शिमला।। हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला पिछले एक दशक के सबसे भयंकर जल संकट से जूझ रही है। शिमला नगर निगम समय रहते इंतज़ाम करने में नाकाम रही है जिसके कारण ऐसे हालात पैदा हो गए हैं कि कई जगहों पर लोगों को पांचवें दिन पानी मिल रहा है तो कहीं पर होटलों को बुकिंग के पैसे लौटाने पड़ रहे हैं। अब तो सोशल मीडिया पर ऐसी अपील भी जारी की जाने लगी है कि कृपया शिमला न आएं।

नगर निगम के बैकफुट में आने के बाद अब हिमाचल प्रदेश सरकार को हरकत में आना पड़ा है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा है कि शिमला में पानी की सप्लाई के व्यवस्था कर ली गई है और जल्द संकट को दूर कर दिया जाएघा। मुख्यमंत्री ने कहा है कि शिमला के लिए तीन सिचाई कूहलों का पानी सप्लाई किया जाएगा और इन कूहलों का पानी न मिलने से जिनकी फसलों को नुकसान होगा, उन्हें मुआवज़ा दिया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा है कि गिरी नदी में पानी का एक सोर्स तय कर लिया गया है और वहां से भी शहर में पानी की सप्लाई की जाएगी। मुख्यमंत्री के मुताबिक उन्होंने न सिर्फ शिमला, बल्कि पानी के संकट से जूझ रहे अन्य जिलों के भी अपडेट्स लिए हैं। मुख्यमंत्री की ओर से आईपीएच मंत्री को भी निर्देश दिए गए हैं वह तुरंत जल संकट को दूर करने के लिए वृहद योजना बनाएं ताकि इस तरह के हालात पैदा ही न हों।

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर (File Photo)
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर (File Photo)

इस बीच अश्वनी खड्ड के सैंपल को पुणे भेजा गया है और पास होते ही इसके पानी को भी इस्तेमाल किया जा सकेगा। दरअसल कुछ साल पहले अश्वनी खड्ड के पानी में सीवरेज मिल जाने के कारण शिमला में पीलिया फैल गया था और कथित तौर पर दो दर्जन लोगों की मौत भी हुई थी।

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