क्या मुख्यमंत्री जयराम को नहीं पता सीट बेल्ट के फायदे? करेंगे रिव्यू

शिमला।। शिमला में पुलिस ने चौपहिया वाहनों की आगे की दोनों सीटों पर बैठने वालों के लिए सीट बेल्ट लगाना अनिवार्य कर दिया गया है। इस अभियान के तहत शिमला पुलिस ने शहर में विभिन्न जगहों पर चेकिंग की और सीट बेल्ट न पहनने पर 108 गाड़ियों के चालान किए।

 

हालांकि ऐसी भी खबरें हैं कि पुलिसकर्मियों ने मंत्रियों और नेताओं पर ऐसी कार्रवाई नहीं की। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर सुबह जब सचिवालय पहुंचे, उनकी पायलट गाड़ी में ड्राइवर और आगे बैठे सुरक्षा अधिकारी ने भी बेल्ट नहीं लगाई हुई थी। ऐसा ही शिमला के विधाय और शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज की गाड़ी में भी देखने को मिला। मगर चौंकाने वाली बात है इस मामले पर आया मुख्यमंत्री का बयान, जिन्होंने कहा कि इस फैसले को रिव्यू किया जाएगा।

 

क्या कहते हैं मुख्यमंत्री
अमर उजाला में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का एक बयान छपा है, जिसमें उन्होंने कहा है, “बहुत जल्दी में यह फैसला हुआ है। मुझे तो खुद भी अखबार से पता चला है। हम अधकारियों से बात करें, इसके फायदे-नुकसान क्या हैं, इस पर चर्चा करेंगे। इसे रिव्यू करने के बाद सरकार स्थिति स्पष्ट कर पाएगी।”

 

क्या है नियम, क्यों है जरूरी
सेंट्रल मोटर वीइकल्स रूल के नियम (125) 1 के तहत हर कार कंपनी को कहा जाता है कि चौपहिया वाहनों में ड्राइवर औऱ साथ वाली फ्रंट सीट में सीट बेल्ट जरूर लगाकर दें। साथ ही पीछे की सीट, जो फ्रंट की तरफ हो, उसमें भी बेल्ट होनी चाहिए।

 

दरअसल सीट बेल्ट लगाना जरूरी है क्योंकि सामने से होने वाली टक्कर (हेड ऑन कलिज़न) की स्थिति में सीट बेल्ट हमें उछलकर सामने गाड़ी की विंडशील्ड आदि से टकराने से रोकती है। बहुत बार देखा जाता है कि छोटी मोटी टक्कर में भी लोग बुरी तरह जख्मी हो जाते हैं क्योंकि जड़ता (Intertia) के कारण वे अपनी ही गाड़ी के सामने के हिस्सों से टकरा जाते हैं या फिर उछलकर बाहर गिर जाते हैं। सीट बेल्ट लगाने पर ऐसी स्थिति में बचाव होता है। नीचे वाले वीडियो को देखें, ड्राइवर वाली सीट पर रखी डमी और पीछे की एक डमी को सीट बेल्ट लगाई गई है।


वैसे तो सीट बेल्ट सभी सीटों पर पहनी जानी चाहिए, ऐसे में अगर फ्रंट सीटों पर इसे जरूरी कर रही है तो रिव्यू करने की क्या ज़रूरत है? उल्टा मुख्यमंत्री को तो पुलिस की इस पहल की स्वागत करके लोगों से अपील करनी चाहिए थी, उन्हें प्रोत्साहित करना चाहिए था कि वे सीट बेल्ट पहनें। भारत में सबसे ज्यादा सड़क हादसे होते हैं। 2016 में हादसों में डेढ़ लाख लोगों की मौत हुई थी। सीट बेल्ट लगाने से इन हादसों में नुकसान कम किया जा सकता है।

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