चंबा में बकरे का मीट बताकर बेच दिया भैंस के बच्चे का मांस

चंबा।। हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले की साहो घाटी में भैंस के चार माह के बच्चे का मांस बेचने का मामला सामने आया है। पुलिस ने मांस को जांच के लिए कब्जे में लेकर छानबीन शुरू कर दिया है। घटना को अंजाम देने वाले आरोपियों को हिरासत में लेने के बाद जमानत पर रिहा कर दिया गया है।

हिंदी अखबार पंजाब केसरी की रिपोर्ट के मुताबिक एएसपी.चम्बा वीरेंद्र सिंह ठाकुर ने बताया कि हनीफ पुत्र नूरमाही निवासी गांव चंदडेड के करीब चार माह के भैंस के बच्चे की पिछले दिनों मौत हो गई। उसने भैंसे के इस बच्चे के मांस को बेचने के लिए तिलक पुत्र धर्म चंद निवासी गांव कुठार के साथ मिलकर साजिश रची।

तिलक ने योजना के अनुसार मंगलवार को 50 से 150 रुपए प्रति किलो के हिसाब से हिंदू समुदाय के लोगों को भैंसे के मांस को बकरे का मीट बता कर बेच दिया। कुछ लोगों ने मंगलवार शाम को अपने परिवार के साथ मिलकर इसका सेवन भी कर लिया। शेष बचे हुए मांस को साहो मुख्य बाजार में लाकर तिलक ने बुधवार को बेचने का प्रयास किया। बकरे के मीट को इतने कम मूल्य पर बेचने के साथ मीट के साथ लगे बालों को देखकर स्थानीय दुकानदार सुरिंद्र को कुछ आशंका हुई। उसने जब अन्य लोगों के साथ इस बारे में आशंका जताते हुए तिलक से सख्ती के साथ पूछताछ की तो सारी पोल खुल कर सामने आ गई।

(Source: Punjab Kesari)
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साहो पंचायत प्रधान सत्या देवी सहित पंचायत के अन्य प्रतिनिधियों को इस बारे में सूचित किया गया। सूचना मिलने पर पंचायत प्रधान व अन्य पंचायत प्रतिनिधि मौके पर पहुंचे और उन्होंने मामले के बारे में पूरी जानकारी हासिल करने के बाद पुलिस को सूचित किया। सूचना मिलते ही सदर थाना प्रभारी दिनेश धीमान ने पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंच कर जांच प्रक्रिया को अमल में लाते हुए दोनों आरोपियों को पकड़ कर लोगों समक्ष पूछताछ की तो उन्होंने भैंस के 4 माह के बच्चे का मांस होने की बात कबूली।

आरोपियों की निशानदेही पर ही हनीफ के घर में भैंस के बच्चे की कटी हुई गर्दन व शरीर के कुछ अन्य अंग बरामद किए। इस भैंस के बच्चे को काटने के लिए इस्तेमाल में लाए गए उपकरणों को भी पुलिस ने कब्जे में ले लिया है। इस मौके पर कुछ लोगों ने अपने पास मौजूद उस मांस को भी पुलिस के पास जमा करवा दिया है जो उन्होंने मंगलवार को तिलक से खरीदा था। सी.एफ.एल. में जांच के लिए भेजा मांस पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की तथा दोनों आरोपियों को गिरफ्तार करने के बाद जमानती मुचलके पर रिहा कर दिया। पुलिस ने भैंस के बच्चे के करीब चार किलो मांस को अपने कब्जे में लेकर उसकी पशु चिकित्सक से जांच करवाई तो प्रथम दृष्टि में भैंस के बच्चे का मांस होने की पुष्टि हुई। उक्त चिकित्सक की उपस्थिति में मांस को सी.एफ.एल. में जांच के लिए भेजने हेतु उसे पैक किया गया।

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