खाई में लटकी 40 यात्रियों से भरी बस, 2 दिन पहले CM ने किया था रोड का उद्घाटन

चंबा।। इलेक्शन आते ही उद्घाटनों और शिलान्यासों की झड़ी लगती रहती है। इस दौरान यह नहीं देखा जाता कि निर्माण की गुणवत्ता क्या है, काम सही से हुआ है या नहीं। बस लोगों को खुश करने के लिए उद्घाटन कर दिए जाते हैं। इसका नुकसान क्या हो सकता है, इस बारे में विचार नहीं किया जाता। चंबा में एक हादसा होते हुए बचा। मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने दो दिन पहले हिमाचल दिवस के मौके पर जिस रोड का उद्घाटन किया था, व अचानक धंस गया और सवारियों से भरी बस खाई के ऊपर लटकने लगी। अगर चालक सूझबूझ नहीं दिखाता तो 40 सवारियों से भरी बस 1 किलोमीटर गहराई पर जाकर रुकती। ध्यान देने वाली बात यह है कि सड़क आदि जैसे निर्माण कार्य करने वाला विभाग PWD मुख्यमंत्री के ही पास है।

यह घटना चंबा के घूम जंजला रोड पर हुई। सीएम वीरभद्र सिंह ने दो दिन पहले हिमाचल दिवस समारोह के दौरान चंबा के चौगान से ही इस सड़क का उद्घाटन किया था। इसके बाद यहां बस सेवा भी शुरू कर दी गई। पिछले दो दिन की तरह सोमवार को एचआरटीसी की यह बस जंजला से चंबा की ओर रवाना हुई थी। बस में स्कूली बच्चों के अलावा नौकरी पेशा लोग भी सवार थे। कुल मिलाकर 40 से ज्यादा लोग इस बस में सवार थे। जैसे ही यह बस घूम जंजला के पास से गुजरी कि अचानक इस नई सड़क का डंगा धंस गया। इससे बस खाई में लटक गई। इससे यात्रियों में चीख पुकार मच गई।

बताया जा रहा है कि जिस जगह पर यह डंगा धंसा वहां रोड काफी तंग था। साथ ही बस की दूसरी तरह करीब एक किलोमीटर गहरी खाई है। बस इस तरह सड़क के बाहर लटक गई कि सवारियों को दरवाजे से बाहर निकलने तक की जगह नहीं बची। चालक ने पहले तो बस को नियंत्रित किया फिर तेजी से सभी सवारियों को अपनी सीट से होते हुए बाहर निकाला। सूचना मिलते ही पुलिस भी मौके पर पहुंची और बस को निकालने के लिए क्रेन की मदद ली गई।

प्रश्न उठता है कि अगर बस खाई में गिर गई होती तो 40 लोगों की जिंदगी जाने के लिए कौन जिम्मेदार होता? क्या PWD विभाग के अधिकारी इसके लिए जिम्मेदार होते या HRTC जिम्मेदार होती जो इस रोड पर किस आधार पर बस चलाने लगी। या फिर हमारे राजनेता जिम्मेदार होने चाहिए जिनके लिए उद्घाटन करना अहम है, यह देखना अहम नहीं कि काम सही से हुआ है या नहीं। क्या हम तभी जागते और चीख-पुकार मचाते जब हादसा हो जाता? इस मामले की जांच होनी चाहिए कि किसने बस चलाने के लिए NOC दी और किसकी निगरानी में घटिया निर्माण हुआ। दोषियों के खिलाफ कार्रवाई भी होनी चाहिए।

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