नेपालियों को पीटने वाले कर्मचारियों पर वन मंत्री ने की कार्रवाई

शिमला।। हिमाचल प्रदेश में बाहर से आने वाले मजदूर वर्ग और खासकर नेपाली समुदाय आसानी से लोगों के निशाने पर रहता है। जहां बाकी माफिया के खिलाफ लोगों और अधिकारियों की जुबान नहीं खुलती, नेपाली और कमजोर तबके के लोगों को आसानी से निशाना बना लिया जाता है।

ऐसा ही देखने को मिला था एक वायरल वीडियो में, डिसमें रामपुर वन विभाग के दो-तीन कर्मचारी दो नेपाली मजदूरों की पिटाई कर रहे थे। कथित तौर पर ये मजदूर सतलुज नदी किनारे से अवैध रूप रेत निकाल रहे थे। इस पर संज्ञान लेते हुए वन मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने मामले में शामिल कर्मचारियों को तुरंत बदलने और अरण्यपाल से मामले की जांच करवाने का आदेश दिया है।

वन मंत्री ने कहा है कि इस तरह की घटनाएं दुर्भाग्यपूर्ण हैं। उन्होंने कहा, “प्रदेश सरकार सभी नागरिकों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। सरकारी कर्मचारियों को कानून को अपने हाथ में नहीं लेना चाहिए। इस मामले को लेकर जिला पुलिस अधीक्षक से भी बात की गई है। उन्हें नेपाली मजदूरों के बयान लेकर मामला दर्ज करने को भी कहा गया है।”

गोविंद सिंह ठाकुर ने कहा कि विभाग को ऐसे मामलों से निपटने के लिए दिशा-निर्देश भी जारी किए गए हैं ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों। उन्होंने वन विभाग को इसमें संलिप्त कर्मचारियों के विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अरण्यपाल द्वारा जांच रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद यदि कोई अधिकारी या कर्मचारी संलिप्त बताया जाता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

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