जब रात को छत पर दोस्त से बात करते हुए दिखा एक साया…

#HorrorEncounterSeason2 रात के 12 बज रहे हैं और आज फिर मुझे नींद नहीं आ रही। पिछले 7 दिन से मेरे साथ ऐसा ही हो रहा है। सोने से डर लग रहा है। सोती हूं तो ऐसा सपना आता है जो एकदम सच लगता है। मुझे लगता है कि मुझे डॉक्टर की जरूरत है, शायद साइकायट्रिस्ट की।

हुआ ये कि पिछले शनिवार को मैं अकेली छत पर बात कर रही थी एक लड़के से। मेरे कॉलेज में मिला था और उसने किसी से नंबर लिया था मेरा। शुरू में तो मैंने इग्नोर किया मगर फिर बात होने लगी। अभी नई-नई ही बात शुरू हुई थी उससे। अच्छा लगने लगा था वो। जब सब सो जाते थे तो मैं चुपके से छत पर आ जाती थी उससे बात करने।

तो पिछले शनिवार को मैं बात कर रही थी तो बात करते-करते अचानक मेरा ध्यान दूर सड़क पर गया। वहां मुझे लगा कोई आदमी खड़ा है। मगर झटका सा तब लगा जब वो देखते ही सामने से गायब हो गया। मुझे लगा कि मुझे वहम हो गया। इसलिए इग्नोर कर दिया मैंने।

मगर बात करते-करते जैसे ही मैंने घूमकर देखा तो छत के दूसरे किनारे वह वैसा ही कुछ साया सा खड़ा था। साफ दिखा नहीं मगर ऐसा लगा कि वो बड़ा हो रहा था और मेरी तरफ आ रहा था। मैं जोर से चिल्लाई और मेरी आवाज से पड़ोसी जग गए। मेरे घरवाले भी।

 

मैं बेहोश सी हो गई थी और पूरे होश में तब आई जब अपने बिस्तर पर थी। सबने पूछा कि क्या हुआ और इतनी रात को छत पर क्या कर रही थी। मैंने कहा पता नहीं लगा कि कब छत पर पहुंच गई। मैंने किसी को नहीं बताया कि मैं छत पर क्यों गई थी और क्या देखा।

घरवालों से मैंने झूठ बोला कि नीदं में ऊपर गई। उन्हें लगा कि मैं नींद में चलकर ही ऊपर गई। शुक्र है कि बेहोश होने से पहले मैंने फोन ट्राउजर की जेब में रख लिया था तो किसी का ध्यान नहीं गया कि कहीं छत पर किसी से बात करने तो नहीं गई थी।

मगर समस्या ये है कि पिछले 7 दिनों से नींद में दबाव पड़ रहा है। सपने में मैं सुनसान से जंगल में अकेली घूमती हूं और सब कुछ असली सा लगता है। एक बार सुबह तो पैर में कीचड़ भी लगा हुआ था। कहीं मैं असली में स्लीपवॉकिंग तो नहीं करने लगी हूं? क्या मुझे घरवालों को सबकुछ बता देना चाहिए? या चुपके से किसी डॉक्टर के पास जाना चाहिए? कोई अच्छा डॉक्टर बताओ मंडी में।

(यह एनकाउंटर Himachal Pradesh Confessions नाम के पेज से लिया गया है जिसमें एक लड़की के कन्फेशन को Confession #34717 को प्रकाशित किया गया है। हमने नाम हटा दिया है। तस्वीर प्रतीकात्मक है।)

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DISCLAIMER: इन हिमाचल का मकसद अंधविश्वास को बढ़ावा देना नहीं है। हम लोगों की आपबीती को प्रकाशित कर रहे हैं, ताकि अन्य लोग उसे कम से कम मनोरंजन के तौर पर ही ले सकें और उनके पीछे की वैज्ञानिक वजहों पर चर्चा कर सकें। हम इसे साहित्य के तौर पर प्रकाशित कर रहे हैं। आप इस कहानी पर कॉमेंट करके राय दे सकते हैं।

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