रेत माफिया के इशारे पर छोड़ा गया था डैम से पानी?

मंडी।।
ब्यास नदी में हुए दर्दनाक हादसे के कारणों को जानने के लिए ‘इन हिमाचल’ ने जब तफ्तीश शुरू की, तो कई चौंकाने वाली बातें सामने आईं। भले ही कुछ लोग मानवीय भूल या होनी कहकर इस मामले को हल्का कर रहे हैं, लेकिन असल बात कुछ और भी हो सकती है। स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया है कि बांध से अचानक पानी छोड़ने के पीछे सैंड माफिया यानी रेत का गोरखधंधा करने वालों का हाथ भी हो सकता है।

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नाम न छापने की शर्त पर मंडी के एक पत्रकार ने आशंका जताई गई कि अचानक पानी छोड़े जाने का मकसद रेत माफिया को फायदा पहुंचाना भी हो सकता है। उन्होंने कहा कि गर्मियों के पूरे सीजन में रेत माफिया जमकर नदी किनारे जमा बालू जमा करके उसे बेचते हैं। जून आते-आते वे नदियों को कंगाल कर देते हैं। चूंकि जून में मॉनसून के दस्तक देने के बाद नदियां उफान पर होती हैं, ऐसे में रेत के कारोबारियों का धंधा बंद हो जाता है। इसलिए वे चाहते हैं कि बरसात के मौसम से पहले ही ज्यादा से ज्यादा रेत निकाल ली जाए।

एक अन्य शख्स ने बताया कि बांध पर तैनात कर्मचारियों या उनके सीनियर ऑफिसर्स के लिंक इन रेत माफियाओं से हो सकते हैं। अक्सर वे मिलीभगत करके डैम से पानी छोड़ देते हैं, जिससे उफनती हुई नदी अपने साथ पहाड़ी इलाकों से बालू बहाकर मैदानी हिस्से में जमा कर देती है। इससे रेत माफियाओं की चांदी हो जाती है। उनका मंद पड़ रहा धंधा एक बार फिर से चमकने लगता है।

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इस तरह की आशंकाएं कई लोग जाहिर कर चुके हैं। लोगों की मांग है कि इस ऐंगल से भी मामले की जांच करनी चाहिए। अगर ऐसा कोई लिंक पाया जाता है तो दोषी अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की जानी चाहिए। गौरतलब है कि कई राष्ट्रीय स्तर के अखबार भी अपनी रिपोर्ट्स में रेत माफिया का लिंक होने की आशंका जाहिर कर चुके हैं।

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