2100 करोड़ के घोटाले के जांच अधिकारी के तबादले की तैयारी की खबर

नाहन।। ऐसी जानकारी सामने आई है कि सिरमौर में हुए 2100 करोड़ रुपये के टैक्स घोटाले के जांच अधिकारी जीडी ठाकुर के तबादले की कोशिश की जा रही है। न्यूज 18 ने लिखा है कि टेक्नोमैक कंपनी पर विभाग की कार्रवाई भाजपा के नेताओं को रास नहीं आ रही है। पोर्टल ने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि ‘नाहन के दिग्गज भाजपा नेता राजीव बिंदल मामले की जांच करने वाले अधिकारी का तबादला करने में जुट गए हैं। जांच अधिकारी के तबादले के लिए विधानसभा अध्यक्ष राजीव बिंदल का डीओ नोट लगाया गया है।’

यह नोट सीएम ऑफिस से प्रधान सचिव को भेजा गया है। हालांकि न्यूज 18 ने यह भी लिखा है कि इस नोट को बिंदल ने खुद लिखा है या किसी और ने, यह स्पष्ट नहीं हो पाया है। जानकारी दी गई है कि घोटाले का खुलासा करने वाले जांच अधिकारी की जगह पुराने AETC को लगाने की तैयारी की जा रही है। दरअसल इस घोटाले में बड़े पैमाने पर अधिकारियों और बड़े नेताओं की मिलीभगत की आशंका है। ऐसे में जांच अधिकारी का तबादला करने की सिफारिश की जा रही है।

कौन हैं जीडी ठाकुर
जीडी ठाकुर ने सिरमौर के पांवटा साहिब क्षेत्र के जगतपुरा की इंडियन टेक्नोमैक कंपनी लिमिटेड पर 2200 करोड़ रुपये का जुर्माना किया था। सिरमौर में आबकारी व कराधान विभाग के सहायक आयुक्त के पद पर तैनात जीडी ठाकुर ने साल 2014 में विभाग की इकनॉमिक इंटेलिजेंस यूनिट (ईआईयू) में  तैनाती के दौरान कंपनी पर 2200 करोड़ रुपये का फाइन लगाया था।

जीडी ठाकुर (Courtesy: MBM NEWS NETWORK)

कुछ समय पहले ही उनकी तैनाती सिरमौर में सहायक आयुक्त के पद पर हुई है। बताया जाता है कि इस मामले ने ठाकुर के कारण ही रफ्तार पकड़ी है। रविवार रात ठाकुर के नेतृत्व में ही आपराधिक मामला दर्ज किया गया था और मामले की जांच शुरू से उन्होंने ही की थी।

जब यह मामला बड़ा बनकर उभरा है और इसे प्रवर्तन निदेशालय को सौंपने की मांग उठी है, उस समय इस अधिकारी के तबादले को लेकर कई सवाल उठ खड़े हुए हैं।

क्या किया है कंपनी ने?
टेक्नोमैक कंपनी पर दर्ज एफआईआर में कहा गया है कि कंपनी को विभाग को 2175 करोड़ 51 लाख रुपये बतौर टैक्स देने थे। इसमें ब्याज की रकम नहीं जोड़ी गई है। इसके अलावा इस कंपनी पर इनकम टैक्स और बैंकों से लिए कर्ज  की देनदारी 3100 करोड़ रुपये की बताई जा रही है। यानी कुल रकम पांच हजार रुपये से ज्यादा बनती है।

करीब 15 पन्नों की लंबी शिकायत में कंपनी प्रबंधक समेत अन्य 3 लोगों को नामजद किया गया हैष एफआईआर में जिन लोगों को नामजद किया गया है, उसमें कंपनी के प्रबंध निदेशक राकेश कुमार शर्मा, सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी की बेटे विनय शर्मा रंगनाथन श्रीवासन और अश्विनी कुमार शामिल हैं।

पिछली सरकार और विभाग पर भी सवाल
इस पूरे मामले में आबकारी व कराधान विभाग के शीर्ष अधिकारियों की भूमिका संदेह के घेरे में रही है क्योंकि चार साल से इस मामले में चुप्पी साधे रखी गई। मामला 2014 में सामने आया था। आशंका यह भी जताई जा रही है कि कहीं संदेह के घेरे में रहने वाले अधिकारी ही तो ठाकुर के तबादले की बुनियाद नहीं रख रहे।

एमबीएम न्यूज नेटवर्क ने आबकारी और कराधान विभाग के सहायक आयुक्त जीडी ठाकुर से तबादले को लेकर सीधा सवाल पूछा तो उन्होंने कोई भी जानकारी न होने की बात कही।

जीडी ठाकुर पर प्रेशर?
न्यूज 18 ने लिखा है कि जांच अधिकारी रहे जीडी ठाकुर ने कई बातें जगजाहिर किए हैं। जैसे कि उन्होंने कहा है कि 2014 में मामले के सामने आने पर जांच के दौरान उन पर प्रेशर बनाया गया था। उनका तबादला हो जाने के बाद अधिकारियों ने इस मामले में रुचि नहीं दिखाई थी और मामले को ठंडे बस्ते में डालने की कोशिश की थी।

(एमबीएम न्यूज नेटवर्क की इनपुट्स के साथ)

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