बाली-सुधीर की मुलाकात की इस तस्वीर में कुछ खास दिखा आपको?

धर्मशाला।। रविवार को हिमाचल सरकार के कांगड़ा जिले से दो मंत्रियों की मुलाकात मीडिया में चर्चा का विषय बनी रही। परिवहन मंत्री जीएस बाली और शहरी विकास मंत्री सुधीर शर्मा न सिर्फ एक मंच पर आए बल्कि बाली ने सुधीर को छोटा भाई भी बताया। कहीं पर दोनों के बीच मीटिंग की चर्चा रही तो कहीं पर इसे ‘लंच डिप्लोमेसी’ का नाम दिया गया। राजनीतिक विश्लेषण तो आपको कहीं और भी पढ़ने को मिल जाएंगे, मगर हम आपका ध्यान राजनीति से थोड़ा हटाना चाहते हैं। नीचे की तस्वीर को ध्यान से देखिए। क्या आप समझ पाए कि बीच में बैठा शख्स क्या कर रहा है और मंत्री लोगों के हाथ में क्या है, जिसका वे लुत्फ उठा रहे हैं?

कुछ खास दिखा?

बीच में बैठे शख्स और लोगों के हाथों को गौर से देखिए। अगर आप नहीं समझ पाए तो आपको बता दें कि बीच में बैठे शख्स मलाई-बर्फ तैयार करते हैं और इस सभागार में मौजूद सभी लोग मलाई बर्फ का लुत्फ उठा रहे हैं। अगर आप समझ गए तब तो ठीक, मगर नहीं समझे तो हम आपको बता देते हैं कि मलाई बर्फ क्या है।

दरअसल हिमाचल प्रदेश के कई हिस्सों में गर्मियों के दिनों में कुछ लोग आपको गले में एक बक्सा लिए घूमते मिल जाएंगे। इनके बक्से में दो रोल होंगे, जिसमें दूध या खोए की बनी आइसक्रीन होगी, एक छूरी होगी, हो सकता है छोटी सी तरकड़ी (तुला) भी तौलने के लिए और कुछ पत्ते होंगे। आमतौर पर टोर, बड़ (वटवृक्ष) या फेगड़े के पत्ते इस्तेमाल होते हैं।

कांगड़ा के गरली और आसपास के गांवों में इनकी मलाईबर्फ बहुत लोकप्रिय रही है।
कांगड़ा के गरली और आसपास के गांवों में इनकी मलाईबर्फ बहुत लोकप्रिय रही है।

छूरी से छोटी-छोटी सिल्लियां काटी जाती हैं और उन्हें पत्तों में सर्व किया जाता है। इसे खाने का मज़ा ही कुछ और है। ये हिमाचल में उस दौर से बिका करती हैं, जब क्वॉलिटी वॉल्स, वेडीलाल, मदर डेयरी या अन्य कंपनियों की आइसक्रीम नहीं मिला करती थी। बस अड्डों से लेकर मंदिरों और मेलों तक में मलाई बर्फ या खोया बर्फ़ नाम से इसकी खूब बिक्री होती थी। आज भी प्रदेश के कई हिस्सों में मलाई बर्फी बेचने वाले मिल जाएंगे मगर लोगों की बेरुखी के कारण अब इसका चलन कम हो रहा है। उन्हें पैक्ड चीज़ें ज्यादा पसंद आने लगी हैं। मलाई बर्फ खाना उन्हें शायद ‘लो स्टैंडर्ड’ लगने लगा है और इसके पीछे वे हाइजीन को वजह बताने लगे हैं।

मगर इस तरह से एक कार्यक्रम में भुलाई जाने वाली चीज़ को संजोने और प्रोत्साहन देने के लिए आयोजक बधाई के पात्र हैं। साथ ही पाठकों से कहना चाहेंगे कि कभी इस तरह से किसी को मलाई बर्फ बेचते देखें, तो एक बार ट्राई ज़रूर करें। यकीन मानिए, एक अलग तरह का मज़ा आएगा।

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