दो मंत्रियों की सदस्यता को चुनौती देने वाली याचिका पर हाई कोर्ट का नोटिस

शिमला।। हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने हिमाचल प्रदेश सरकार के दो मंत्रियों की सदस्यता को चुनौती देने वाली याचिका पर सरकार और चुनाव के साथ-साथ इन दोनों मंत्रियों को भी नोटिस भेजा है। इन मंत्रियों में एक हैं धर्मपुर के विधायक और आईपीएच मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर और दूसरे हैं लाहौल-स्पीति के विधायक और कृषि मंत्री रामलाल मार्कंडा।

याचिका में आरोप लगाया है कि दोनों मंत्रियों ने हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनाव के समय जो हलफनामा दिया था, उसमें कुछ जानकारियां छिपाई गई हैं या गलत बताई गई हैं। हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई करते हुए चार सप्ताह में जवाब मांगा है। मामले की अगली सुनवाई 18 अप्रैल को होगी।

महेंद्र सिंह ठाकुर पर आरोप
धर्मपुर निवासी रमेश चंद ने चुनाव से पहले दिए जाने वाले हलफनामों के आधर पर याचिका डाली है कि यहां के विधायक और जयराम सरकार में बागवानी एवं आईपीएच मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर की पत्नी गृहिणी हैं और 2012 में उनके पास पैन कार्ड तक नहीं था। लेकिन इस बार उनकी संपत्ति 7.68 करोड़ दिखाई गई है। सवाल पूछा गया है कि पांच साल में उनके गृहिणी होते हुए यह संपत्ति एकाएक कैसे आ गई।

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गौरतलब है कि महेंद्र सिंह ठाकुर की पत्नी के नाम पर मनाली के रांगड़ी में एक होटल भी है। एनजीटी के आदेश के बाद जांच में यहां पाया गया था कि टीसीपी और अन्य निर्माण नियमों का उल्लंघन किया गया है। इस कारण होटल का बिजली और पानी का कनेक्शन काट दिया गया था। बाद में खबर आई थी कि अवैध हिस्से पर खुद ही हथौड़ा चला दिया गया था।

प्रदेश में इस तरह से 1700 होटलों में अनियमितताएं पाई गई थीं और फिर जयराम सरकार ने इन होटलों को राहत देने की बात कही थी। उस समय विपक्ष ने आरोप लगाया था और ऐसी खबरें भी आई थीं कि सरकार में बैठे बड़े नेता के रिश्तेदार के होटल फंसने के कारण ही सरकार नियमों में बदलाव कर रही है ताकि उन्हें राहत दे सके।

रामलाल मार्कंडा पर आरोप
दूसरी तरफ कृषि मंत्री रामलाल मार्कंडा पर याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है कि उनके और उनकी पत्नी के नाम पर जो संपत्ति है, उसमें एकरूपता नहीं है।

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कहा गया है कि 2007 में भी वह विधायक थे, लेकिन उनकी तब की संपत्ति और इस बार की संपत्ति में कोई मेल नहीं है। साथ ही कहा गया है कि शपथपत्र में भी संपत्ति की जानकारी गलत है।

ऐसे में हाई कोर्ट ने इन दोनों मंत्रियों के साथ-साथ  सरकार और चुनाव आयोग को भी नोटिस भेजा है।

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